अमरावती

‘उन’ सभी मृतकों का हुआ सामूहिक अंतिम संस्कार

शोकाकुल परिजनों सहित हजारों नागरिकों की मौजूद रही भीड

* व्यवस्था बनाए रखने प्रशासक को करनी पडी दौडभाग
* स्मशान में 20 चिताओं पर हुआ 24 पार्थिवों का दहन
* एक मृतक का शव किया गया मुस्लिम कब्रस्तान में दफन
बुलढाणा/दि.3 विगत शनिवार को तडके सिंदखेड राजा तहसील अंतर्गत पिंपलखुटा गांव के निकट समृद्धि एक्सप्रेस वे पर घटित सडक हादसे के बाद विदर्भ ट्रैवल्स की बस में लगी आग में जिंदा जलकर मारे गए सभी 25 यात्रियों के शवों पर कल बुलढाणा में ही अंतिम संस्कार किया गया. इसके तहत 24 शवों का बुलढाणा के संगम तालाब स्थित हिंदू स्मशानभूमि में सामूहिक दाह संस्कार किया गया. वहीं 25 वर्षीय जोया शेख नामक नागपुर निवासी महिला यात्री के पार्थिव को मुस्लिम रितीरिवाज के साथ जनाजा निकालकर बुलढाणा के मुस्लिम कब्रस्तान में दफन किया गया. संगम तालाब स्थित हिंदू स्माशानभूमि में जब एक साथ 24 यात्रियों के लगभग पूरी तरह जलकर खाक हो चुके शवों को अंतिम संस्कार हेतु लाया गया और 20 चिताओं पर 24 पार्थिवों को रखकर जब एक साथ सभी चिताएं प्रज्वलित की गई, तो मृतकों के परिजनों के रुदन व कंदन को देखकर मौके पर उपस्थित सैकडों लोगों की आंखे नम हो गई.
उल्लेखनीय है कि, विदर्भ ट्रैवल्स की बस में हादसे के बाद लगी आग इतनी भीषण थी कि, सभी यात्री जिंदा ही जलकर मारे गए और उनके शव इस कदर जल चुके थे कि, उनकी पहचान करना भी मुश्किल था. साथ ही इन शवों को लंबे समय तक शवागार में रखना भी संभव नहीं था. ऐसे में पुलिस एवं प्रशासन ने सभी मृतकों के परिजनों का समूपदेशन करते हुए उन्हें शवों के अंतिम संस्कार हेतु राजी किया और परिजनों की सहमति प्राप्त करते हुए 24 शवों का सामूहिक दाह संस्कार करने तथा एक महिला यात्री के शव को कब्रस्तान में दफन करने का निर्णय लिया गया. वहीं इससे पहले सभी शवों से डीएनए सैम्पल ले लिए गए थे और मृतकों के परिजनों के भी ब्लड सैम्पल लिए गए, ताकि सैम्पलों का आपस में मिलान किया जा सके. इसके पश्चात तमाम आवश्यक प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए गत रोज सभी मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस समय स्मशानभूमि में मृतकों के परिजनों के साथ ही बुलढाणा शहर व जिलावासियों की बडी संख्या में मौजूदगी रही तथा सभी ने 2 मिनट का मौन रखते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस सामूहिक अंतिम संस्कार हेतु बुलढाणा नगरपालिका की ओर से संगम तालाब स्थित स्मशानभूमि में साढे 7 क्विंटल लकडी व ढाई हजार गोबरी उपलब्ध कराते हुए सभी धार्मिक विधियों को पूर्ण किया गया और विदर्भ ट्रैवल्स की बस में लगी आग के चलते मारे गए तेजस पोफले (वर्धा), तुषार उर्फ करण बुधबावरे (वर्धा), वृषाली वनकर (वर्धा), शोभा वनकर (वर्धा), ओवी वनकर (वर्धा), अवंतिका पोहनकर (वर्धा), राधिका खडसे (वर्धा), श्रेया वंजारी (वर्धा), प्रथमेश खोडे (वर्धा), तनिशा तायडे (वर्धा), तेजू राऊत (वर्धा), संजीवनी गोठे (वर्धा), सुशील खेलकर (वर्धा), रिया सोनपुरे (नागपूर), कौस्तुभ काले (नागपूर), ईशांत गुप्ता (नागपूर), मनिषा बहाले (वाशिम), संजय बहाले (वाशिम), निखिल पाते (यवतमाल), सृजल सोनोने (यवतमाल), कैलास गंगावणे (पुणे), कांचन गंगावणे (पुणे), सई गंगावणे (पुणे), राजश्री गांढोले (पुणे) इन यात्रियों के शवों पर अंतिम संस्कार किए गए. वहीं इस हादसे में मारी गई नागपुर की रहने वाली गुडीया शेख उर्फ जोया शेख के पार्थिव पर मुस्लिम कब्रस्तान में दफन विधी की गई.

* मंत्री गिरीष महाजन ने दी चिताओं को मुखाग्नि
कल दोपहर 12.30 बजे के आसपास संगम तालाब स्थित स्मशानभूमि में बस हादसे के 24 मृतकों के पार्थिक शरीरों पर सामूहिक रुप से अंतिम संस्कार किया गया. इस समय मृतकों के परिजनों की ओर से राज्य के ग्राम विकास व वैद्यकीय शिक्षा मंत्री गिरीष महाजन ने सभी की चिताओं को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर बुलढाणा जिले के सांसद प्रतापराव जाधव, वर्धा के सांसद रामदास तडस, विधायक आकाश फुंडकर, पंकज भोयर, श्वेता महाले व संजय गायकवाड, पूर्व विधायक विजयराज शिंदे, बुलढाणा की जिलाधीश डॉ. एच. पी. तुम्मोड, जिप सीईओ भाग्यश्री विसपुते, जिला पुलिस अधीक्षक सुनील कडासने सहित बुलढाणा के विभिन्न क्षेत्रों से वास्ता रखने वाले अनेकों गणमान्य तथा हजारों सर्वसामान्य नागरिक उपस्थित थे.

* चीत्कार और आसू से भर गई स्मशानभूमि
जिस समय सभी 24 शवों को 20 चिताओं पर रखकर सभी चिताओं को एक साथ प्रज्वलित किया गया, तो स्मशानभूमि में उपस्थित मृतकों के परिजनों के सब्र का बाण टूट गया और उनकी रुलाई फूट पडी. इन सभी परिजनों की चीत्कार को सुनकर स्मशानभूमि में मौजूद हर एक व्यक्ति की आंखों से आसू झलक गए तथा हर कोई एक साथ 24 शवों के सामूहिक अंतिम संस्कार के दृश्य को देखकर भीतर तक हिला हुआ दिखाई दिया.

* परिजनों को सौंपे गए मृतकों के अस्थिकलश
गत रोज दोपहर 12.30 बजे के आसपास सभी मृतकों के शवों पर अंतिम संस्कार किए गए. जिसके उपरान्त शाम को चिताएं ठंडी होने के बाद सभी मृतकों की अस्थियां जमा करते हुए उनके फूल चुने गए तथा मृतकों के परिजनों को उनके अस्थिकलश सौंपे गए. जिन्हें लेकर सभी परिजना अपने-अपने शहरों के लिए रवाना हुए.

* डीएनए सैम्पलों को जांच के लिए भेजा जाएगा अमरावती, रिपोर्ट आने में लगेंगे 8 दिन
विदर्भ ट्रैवल्स की बस में मारे गए मृतकों के शवों की पहचान करने को अमरावती, औरंगबाद से फॉरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाया गया था. जिन्होंने सभी मृतकों के शवों से डीएनए सैम्पल लेने का काम किया. हालांकि यह काम अपने आप में काफी मुश्किल था, क्योंकि हादसे में मारे गए सभी यात्रियों के शव लगभग पूरी तरह से जलकर कोयले में तब्दिल हो चुके थे और हर व्यक्ति का शव महज 5 से 10 किलो का बचा हुआ था. जिसके चलते डीएनए टेस्ट के लिए सैम्पल संकलित करना काफी मुश्किल हो गया था. लेकिन अमरावती फॉरेंसिक लैब के प्रमुख डॉ. अभिषेक तायडे के नेतृत्व में 7 लोगों के पथक ने फारेंसिक विभाग के डेप्यूटी डायरेक्टर डॉ. ठाकरे के मार्गदर्शन में डीएनए सैम्पल के संकलन का काम किया. इन सभी सैम्पलों को अमरावती स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजा रहा है. जहां से अगले 8 दिनों में डीएनए सैम्पल की रिपोर्ट आएंगी.

* फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सालनकर भी पहुंचे मौके पर
विशेष उल्लेखनीय है कि, स्वास्थ्य विभाग के ख्यातनाम फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. आशीष सालनकर भी हादसे की सूचना मिलने के बाद खुद होकर बुलढाणा पहुंचे और उन्होंने शवों की शिनाख्त हेतु डीएनए सैम्पल संकलित कर रही फॉरेंसिक टीम को सहयोग व मार्गदर्शन दिया. बता दें कि, वर्ष 2013 में घटित केदारनाथ हादसे और वर्ष 2017 में घटित पुलगांव आयुध डिपो में विस्फोर्ट के समय बडे पैमाने पर मौतें हुई थी और उस समय मृतकों की शिनाख्त हेतु भेजी गई फॉरेंसिक टीमों में ख्यातनाम फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. आशीष सालनकर का भी समावेश था. ऐसे में डॉ. सालनकर के पास ऐसे मामलों में डीएनए सैम्पल संकलित करते हुए उनकी जांच करने का काफी गहन अनुभव है और अब वे बुलढाणा बस हादसे के मृतकों की शिनाख्त करने में अपनी सहायता दे रहे है.

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