* मिट्टी व जल संवर्धन विभाग का प्रकरण
अमरावती/दि.09– मिट्टी व जल संवर्धन विभाग के पेपर लीक मामले का सूत्रधार अभिषेक पुणे में छिपे होने की खबर लगते ही अपराध शाखा का दल वहां पहुंचा. तब तक आरोपी को भनक लग गई. वह नॉट रिचेबल हो गया. पुलिस को खाली हाथ लौटना पडा. दूसरी ओर यवतमाल का एक शासकीय ऑडीटर और उसका दारव्हा का साथी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. प्रकरण की जांच परीक्षार्थी सहित 11 आरोपियों की गिरफ्तारी तक थमी है.
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि 2018 के टीईटी में सैकडों विद्यार्थियों के मार्क बदलने 5 करोड का व्यवहार हुआ था. यह घपला 2021 में उजागर हुआ था. एक सॉफ्टवेयर कंपनी के संचालक ने पुलिस की पूछताछ में शिक्षा विभाग के तकनीकी सलाहकार अभिषेक नामक व्यक्ति को 5 करोड रूपए दिए जाने का दावा किया था. बताया जाता है कि दो साल पहले जनवरी में अभिषेक को गिरफ्तार किया गया था. उसी आधार पर नांदगांव पेठ पुलिस उसकी कुंडली निकाल रही है.
उधर पहले पकडे गये आरोपी परीक्षार्थी यश कावरे, उसके पिता अनंत कावरे, किशोर भगत, राहुल निंघोट, टीसीएस एआरएमके तीन-तीन लोग एवं एक निजी व्यक्ति को पकडा गया था. इन सभी को अदालत ने जमानत पर रिहा किया है. गत 21 फरवरी को ड्रीमलैंड स्थित परीक्षा केंद्र पर मिट्टी व जल संवर्धन विभाग में जल संवर्धन अधिकारी गट ब की परीक्षा हुई. उस समय यश कावरे के पास उत्तर लिखा हुआ हॉल टिकट पाया गया था.
थानेदार हनुमंत डोपेवाड ने बताया कि अभिषेक नामक सूत्रधार को पकडने पुलिस बल पुणे गया था. वह 2021 के एक घोटाले में भी आरोपी रहने की जानकारी मिली है. आरोपियों से हुई पूछताछ के अनुसार यवतमाल के सुजीत एवं दारव्हा के सुशील का नाम सामने आ रहा हैं. उन्होंने बैठकर व्यवहार करवाया था. ऐसी जानकारी पुलिस को मिल रही हैं. उनका नाम और पता पुलिस को मालूम है. फिर भी अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.