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गुटखे का मामला पहुंचा राज्यपाल तक

मनसे नेता मंगेश पाटिल ने महामहिम को सौंपा ज्ञापन

* सीपी रेड्डी के कक्ष में हुए हंगामे की जानकारी व वीडियो क्लीप दी
* या तो गुटखा बंदी ढंग से लागू करने या फिर बंदी हटा लेने की मांग भी उठाई
अमरावती/दि.4 – अमरावती जिले के सांसद, विधायक, पूर्व विधायक एवं पूर्व महापौर जैसे जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत 18 सितंबर को शहर पुलिस आयुक्तालय पहुंचकर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के सामने यह आरोप लगाया गया है कि, शहर में प्रतिबंधित गुटखे की धडल्ले के साथ विक्री होती है और गुटखा तस्करी व विक्री करने वाले लोगों से ुपुलिस द्वारा जमकर हफ्ता वसूली की जाती है. यह अपने आप में बेहद गंभीर मामला है और इससे राज्य सरकार सहित अमरावती शहर पुलिस की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा है. अत: इस पूरे मामले की सघन जांच होनी चाहिए. इस आशय की मांग का ज्ञापन मनसे के जिलाध्यक्ष मंगेश उर्फ पप्पू पाटिल द्वारा गत रोज अमरावती जिले के दौरे पर आये राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को सौंपा गया है.
ज्ञापन के साथ ही विगत 18 सितंबर को सीपी रेड्डी के कक्ष में हुए हंगामें को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो क्लीप भी एक पेनड्राइव के जरिए राज्यपाल राधाकृष्णन को सौंपते हुए मनसे नेता पप्पू पाटिल ने कहा कि, किसी जमाने में सुगंधित तंबाखू व गुटखे की सरकारी अनुमति के तहत विक्री हुआ करती थी. जिससे टैक्स के तौर पर सरकार को राजस्व भी मिला करता था. परंतु गुटखे से होने वाले दुष्परिणामों तथा आम जनता के स्वास्थ्य व हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य में गुटखे पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया. जिसके चलते गुटखा विक्री के जरिए राज्य सरकार को मिलने वाला राजस्व भी बंद हो गया. लेकिन यदि इसके बाद भी अमरावती शहर व जिले सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में चोरी-छीपे तरीके से गुटखे की तस्करी व विक्री चल ही रही है, तो फिर राज्य सरकार द्वारा लगाये गये प्रतिबंध का कोई औचित्य ही नहीं बनता, क्योंकि इसकी वजह से जहां एक ओर सरकारी राजस्व डूब रहा है. वहीं दूसरी ओर पुलिस व एफडीए जैसे विभागों में भ्रष्टाचार भी जमकर फल-फुल रहा है और यह दोनों ही स्थितियां राज्य के लिहाज से ठीक नहीं है.
राज्यपाल राधाकृष्णन के साथ हुई मुलाकात के दौरान मनसे नेता ंपप्पू पाटिल ने उन्हें बताया कि, विगत 18 सितंबर को जिले के सांसद बलवंत वानखडे, तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक एड. यशोमति ठाकुर, जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, पूर्व महापौर विलास इंगोले व मिलिंद चिमोटे तथा मनपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत जैसे आजी-माजी जनप्रतिनिधियों ने शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के सामने बैठकर आरोप लगाया कि, अमरावती शहर में खुलेआम गुटखा विक्री हो रही है और पुलिस द्वारा गुटखा तस्करों से जमकर हफ्ते लिये जा रहे है. इस पूरे हंगामे का वीडियो स्थानीय न्यूज चैनलों सहित सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ है. जिसे देखकर अमरावती की जनता का व्यवस्था से विश्वास पूरी तरह उड गया है. साथ ही यह धारणा भी मजबूत हुई है कि, गुटखा बंदी की आड में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. ऐसे में इस पूरे मामले की सघन जांच की जानी चाहिए और गुटखा बंदी की आड लेकर भष्ट्राचार करने वाले लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई भी होनी चाहिए.
साथ ही साथ मनसे नेता पप्पू पाटिल का यह भी कहना रहा कि, यदि गुटखा बंदी कानून का सही तरीके से पालन नहीं हो सकता, तो फिर राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से गुटखा बंदी को हटा देना चाहिए, ताकि इस जरिए कम से कम राज्य सरकार को मिलने वाला राजस्व ही बढे, अन्यथा गुटखा बंदी को लागू रखने हेतु इस पर कडाई से अमल किया जाना चाहिए. क्योंकि गुटखा बंदी जारी रहने के बावजूद खुलेआम होने वाली गुटखा विक्री को देखते हुए आम जनता के बीच यह धारणा बन गई है कि, गुटखा विक्री की आड लेकर सरकार व प्रशासन में बैठे लोगों द्वारा कमाई का नया जरिया ढूंढ लिया गया है.
इस पूरे मामले से अवगत होने के बाद महामहिम राज्यपाल राधाकृष्णन ने मनसे नेता पप्पू पाटिल को आश्वस्त किया कि, वे इस बारे में राज्य सरकार सहित संबंधितों से चर्चा करेंगे. साथ ही विगत 18 सितंबर को पुलिस आयुक्तालय में शहर पुलिस आयुक्तालय के समक्ष उठाये गये मुद्दे की जांच करवाने का प्रयास भी करेंगे. इस समय मनसे के जिलाध्यक्ष पप्पू पाटिल के साथ ही अमरावती शहर अध्यक्ष धीरज तायडे, बडनेरा शहराध्यक्ष गौरव बांते तथा मनसे जनहित कक्ष के जिला संगठक प्रवीण डांगे आदि उपस्थित थे.

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