बडनेरा/प्रतिनिधि दि.१६ – अन्न कितना भी किमती हो किंतु नमक के बगैर उसमें स्वाद नहीं आता. उसी प्रकार मानव जीवन कितना ही अमूल्य हो किंतु जीवन जीने का अर्थ न हो ऐसा जीवन किसी भी काम का नहीं है. भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की वजह से हमारे जीवन को जीने का अर्थ मिला ऐसा प्रतिपादन भारतीय बौद्ध महासभा जिला संगठक तथा सार्वजनिक सिद्धार्थ ग्रंथालय अध्यक्ष प्रा. प्रकाश बोरकर ने व्यक्त किया. वे भारतीय बौद्ध महासभा तथा सार्वजनिक सिद्धार्थ ग्रंथालय द्बारा आयोजित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 130 वीं जयंती के अवसर पर बोल रहे थे.
जयंती समारोह में तथागत बुद्ध महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतीमा को बौद्ध महासभा के जिलाउपाध्यक्ष रविंद्र गेडाम, वंचित बहुजन महिला आघाडी की पुष्पा बोरकर, ग्रंथालय सचिव वी.एस. मेश्राम, दलित मित्र उत्तम भैसने, विश्वनाथ कोकणे ने पुष्पहार अर्पित कर डॉ. बाबासाहब की प्रतिमा पूजन कर अभिवादन किया. ग्रंथालय अध्यक्ष प्रा. प्रकाश बोरकर के हस्ते इस समय पंचशील ध्वजारोहण किया गया और भारतीय बोद्ध महासभा के अध्यक्ष शांताराम गेडाम ने उपस्थितों को त्रिशरण पंचशील दिया.
शहर के समता चौक तथा अशोक नगर नई बस्ती बडनेरा यहां डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक पर भी भारतीय बौद्ध सभा की ओर से जी.एस. घरडे, आनंदराव डोंगरे, बालू बंसोड, प्रा. प्रकाश बोरकर के हस्ते पुष्पहार अर्पित किया गया. इस समय समता सैनिक दल के सुरेश दहाड, मार्शल राहुल, शिरिष भालेराव, प्रकाश बागडे, सुरेश बोरकर, परमानंद वासनिक, सुखदेव श्रृंगारे, के.डी. सांभारे, हरणदास सहारे श्रीराम मोहोड उपस्थित थे.