सोनिया गांधी, राजीव गांधी और बालासाहब ठाकरे की गूंजी है अमरावती में सभा
साइंसकोर मैदान लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयार
अमरावती/दि.10– विधानसभा और लोकसभा चुनाव की प्रचार सभा अथवा सामाजिक, किसान-खेतिहर मजदूरो के प्रश्नों पर मंथन अथवा राजनीतिक दलो के सम्मेलन अंबानगरी के साइंसकोर मैदान में हुए है. अनेक राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की सभा भी इसी मैदान पर हुई है. उनके अभूतपूर्व संवाद शैली से परिवर्तन भी हुआ है. अब यही साइंसकोर मैदान लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सुसज्ज है.
देश की आजादी के बाद 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ. 1952 से 1980 के दौरान कोई बहुत बडी प्रचार सभा का दौर नहीं था. गांव-गांव मुलाकात, लोगों से संवाद पर उम्मीदवारों का जोर रहता था. लेकिन साइंसकोर मैदान पहली राजनीतिक सभा 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने कांग्रेस की उम्मीदवार उषाताई चौधरी के प्रचारार्थ ली थी, ऐसी जानकारी पुराने जानकारो ने दी. 1992 में साइंसकोर मैदान पर बालासाहब ठाकरे ने शिवसेना के उम्मीदवार प्रकाश भारसाकले के प्रचारार्थ जनसभा ली थी. पश्चात शिवसेना-भाजपा गठबंधन के नेताओं की सभा इसी मैदान पर बालासाहब ठाकरे के साथ भाजपा के लालकृष्ण आडवानी, प्रमोद महाराज, गोपीनाथ मुंढे, रिपाइं के रामदास आठवले की भी सभा हुई है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंग, किसान संगठना के नेता शरद जोशी, कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सहित पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने भी इसी मैदान से मतदाताओं को संबोधित किया है. बसपा की सुप्रिमो मायावती, एनसीपी के नेता शरद पवार, मनसे के नेता राज ठाकरे, वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर की भी इसी साइंसकोर मैदान पर सभा गूंजी है. 1989 में सुदाम देशमुख के प्रचार के लिए साइंसकोर मैदान पर अभूतपूर्व सभा हुई थी. भारी मतो से सुदाम देशमुख विजयी हुए थे. ऐसे अनेक इतिहास इस मैदान के है.
* नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फडणवीस की भी सभा
शहर के साइंसकोर मैदान पर 2014 में अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा-शिवसेना गठबंधन के उम्मीदवार आनंदराव अडसूल के प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी की सभा ली गई थी. उस समय उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना नेता सुभाष देसाई, रिपाइं नेता रामदास आठवले मंच पर उपस्थित थे. 30 मार्च 2014 को एक ही दिन अकोला, नांदेड और अमरावती में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा ली थी.
* इंदिरा गांधी की परतवाडा और तिवसा में प्रचार सभा
देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने 1978 में कांग्रेस के उम्मीदवार भैयासाहब ठाकुर के प्रचार के लिए तिवसा में सभा ली थी. पश्चात परतवाडा में इंदिरा गांधी की तरफ से पुरस्कृत निर्दलीय उम्मीदवार बाबासाहब उर्फ वामन बाजीराव भोकरे के गुलाब चिन्ह पर अचलपुर विधानसभा चुनाव में परेड ग्राऊंड पर सभा ली गई थी. इस सभा में इंदिरा गांधी परतवाडा आयी थी. तब भाऊसाहब भोकरे निर्वाचित हुए थे. खुली जीप में इंदिरा गांधी को जब सभा स्थल पर लाया गया तब खुद बाबासाहब भोकरे वह खुली जीप चला रहे थे. बाबासाहब भोकरे विधायक बने तब वे परतवाडा नगर परिषद के अध्यक्ष थे. इस दौरान अचलपुर सर्कीट हाऊस पर इंदिरा गांधी ने कॉफी का आस्वाद लिया था. 1971 में इंदिरा गांधी कोलखास आई थी. सिपना नदी के तट पर उंची पहाडी पर जंगल में विशेष इंदिरा गांधी के लिए मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की तरफ से निर्मित किए गए कोलखास रेस्ट हाऊस पर उनका मुक्काम रहा. तब मेलघाट के विधायक रामू पटेल थे. रामू पटेल की पत्नी ने आदिवासी संस्कृति का परिचय कर देनेवाले खुद के आभूषण इंदिरा गांधी को उस समय भेट दिए थे.