अमरावती/दि.11- इस समय विदर्भ में ईशान्य दिशा की ओर हवाएं बहने लगी है. साथ ही बदरीला मौसम भी काफी हद तक कम हो गया है. ऐसे में अधिकतम तापमान का स्तर तेजी से घटने लगा है और गत रोज पहली बार पारा 14.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा. इन दिनों रात के समय ठंडी हवाएं बहने लगी है. जिससे हाड कंप-कंपानेवाली ठंड महसूस हो रही है. बता दें कि, अक्तूबर माह के पहले पखवाडे में बारिश तथा तीसरे पखवाडे में बदरीले मौसम के साथ ही उमसवाला वातावरण रहा. वहीं चौथे सप्ताह के दौरान ठंडी हवाओं की रफ्तार बढी. ऐसे में 22 अक्तूबर को न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से घटते हुए सीधे 15 डिग्री सेल्सियस पर आ गया. जिस समय यह महसूस हो रहा था कि, अब ठंड का जोर बढेगा. उसी समय मौसम में काफी तेजी से अनपेक्षित बदलाव हुए और कर्नाटक में बादल फटने की तरह बारिश हुई. जिसके परिणाम स्वरूप महाराष्ट्र का वातावरण पूरी तरह से बदल गया. बाष्पयुक्त वातावरण, ठंडी हवाओं का संगम और आर्द्रता में वृध्दि होने के चलते आसमान में लगातार बादलों की मौजूदगी दिखाई देती रही. इस दौरान कोंकण सहित मराठवाडा में कुछ स्थानों पर हलके व मध्यम स्तर की वर्षा हुई. साथ ही कई शहरों के तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक वृध्दि भी हुई और अमरावती का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 19.8 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा. यानी रात के समय तापमान में 4.8 डिग्री सेल्सियस की वृध्दि हुई थी. वहीं अब एक बार फिर मौसम में बडी तेजी से बदलाव हो रहा है और ईशान्य हवाएं बहने लगी है. उत्तर की ओर से आ रही सर्द हवाओं के चलते विगत तीन दिनों के दौरान रात के समय न्यूनतम तापमान में 6.2 डिग्री सेल्सियस की कमी आयी है. जिसकी वजह से उमस से राहत मिली है तथा अब हलकी-हलकी ठंड महसूस होनी शुरू हो गई है.
* फिर छा सकते है बादल
इस समय अरब सागर में चक्रावाती हवाएं चल रही है तथा 1006 हेक्टा पास्कल हवा के कम दबाव का क्षेत्र निर्माण हुआ है. जिसकी तीव्रता बढनेवाली है. वहीं बंगाल के उपसागर में बना हवा का कम दबाववाला क्षेत्र अब तमिलनाडू की ओर सरक गया है. ऐसे में वहां पर जोरदार बारिश होने की संभावना है. साथ ही हिंद महासागर के उपर भी बादलों का जमावडा है. जिसकी वजह से मौसम में तेजी से बदलाव होगा. जैसे-जैसे ठंडी का जोर बढेगा, वैसे-वैसे बदलाव की तीव्रता घटेगी. साथ ही आसमान में बादल छाये रहने के चलते महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर हलकी-फुलकी बारिश भी हो सकती है. जिसकी वजह से उमस पैदा होकर ठंडी में व्यवधान पड सकता है, ऐसा अनुमान मौसम विभाग द्वारा जताया गया है.
* जगह-जगह जल उठे अलाव
ठंडी का असर बढते ही अब लोगबाग शॉल, स्वेटर, कान टोपे व दस्ताने जैसे गर्म कपडों का प्रयोग करते देखे जा रहे है. सुबह और शाम के समय ठंड का जोर काफी अधिक रहता है. साथ ही दिनभर मौसम काफी हद तक सर्द रहने लगा है. ऐसे में जहां लोेगबाग दिनभर गर्म व मोटे कपडे पहनना पसंद कर रहे है, वहीं दूसरी ओर अब शाम ढलते-ढलते कई खुले मैदानों, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में अलाव जलते दिखाई देने लगे है. जहां पर लोगबाग शॉल व चादर ओढकर आग सेंकते है.
* स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी
ठंड का मौसम शुरू होते ही स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां भी पैदा होने लगती है और कई लोगों को सर्दी-खांसी व दमे की शिकायत होने लगती है. साथ ही सर्द व गर्म मौसम की वजह से कई मौसमी बीमारिया भी पांव पसारने लगती है. ऐसे में मौसम में होनेवाले बदलाव को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. साथ ही साथ इस दौरान बाहर के खाद्यपदार्थों को खाना-पिना भी टाला जाना चाहिए और घर पर ही बना पौष्टिक आहार लेना चाहिए. इसके अलावा ठंड के दिनों में सूखे मेवे का भी प्रयोग करना चाहिए, ताकि शरीर की रोग प्रतिकार क्षमता बढे.