अमरावती

मंत्री कह रहे है हडताल समाप्त, फिर भी जिले में 350 बसेस खडी

कर्मचारी अब भी विलिनिकरण की मांग है अडे

अमरावती/ दि.23– जिले में महिनेभर से राज्य सरकार में विलिनिकरण की मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों ने अपनी हडताल जारी रखी है. रापनि कर्मचारियों की हडताल को लेकर परिवहन मंत्री तथा रापनि संगठन के अध्यक्षों ने मिलकर हडताल समाप्ति की घोषणा मुंबई में की है, लेकिन प्रत्येक्ष में जिले में रापनि के आठ डिपो में 363 बसों में से 13 बसों को ही चलाया जा रहा है, जबकि 350 बसेस अब भी डिपो में खडी है.
बता दें कि लगभग 45 दिनों से रापनि का राज्य सरकार में विलिनिकरण किया जाए, इस मुख्य मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों ने हडताल शुरु की है. इस हडताल को लेकर राज्य परिवहन मंत्री अनिल परब ने कर्मचारियों की हडताल को लेकर हडताली कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ वेतन श्रेणी रापनि कामगार संगठन के साथ सफलतम चर्चा की गई. न्यायालय ने लंबित रहने वाले सरकारी विलिनिकरण के मुद्दे को छोडकर संगठन ने अन्य मांगों को लेकर सकारात्मक चर्चा कर मार्ग निकालने के अलावा काम पर तत्काल शामिल होने वाले हडताली कर्मचारियों का निलंबन, बरखास्तगी, सेवा समाप्ती व तबादले की कार्रवाई को वापस लेने का आश्वासन मंत्री परब ने दिया. जिसके बाद महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ वेतन श्रेणी रापनि कामगार संगठन के अध्यक्ष अजय गुजर ने हडताल समाप्ती की घोषणा की. जिसके अनुसार रापनि की ओर से भी बस सेवा शुरु होने का पत्र निकाला गया, लेकिन घोषणा होने के बाद भी प्रत्येक्ष में बसे अभी भी शुरु नहीं हुई है. अब तक रापनि कर्मचारी काम पर नहीं लौटे है और वे अपनी मांग पर अडे हुए है. इस हडताल का परिणाम जिले के आम यात्रियों को भुगतना पड रहा है.

45 दिनों के अवधि में 18 करोड का नुकसान
अमरावती विभाग में 8 बस डिपो से 2 हजार 444 में से वर्तमान में 2 हजार 94 कर्मचारी अब भी हडताल पर डटे हुए है. इसलिए 363 में केवल 13 बसेस ही चलाई जा रही हैं. जिससे महामंडल का तकरीबन 18 करोड का नुकसान हुआ है.

छह कर्मचारियों की सेवा समाप्त
बीते महिनाभर के अधिक अवधि से रापनि कर्मियों ने सरकार विलिनिकरण करने की मांग को लेकर हडताल आरंभ की है. इस हडताल में शामिल रहने वाले छह कर्मचारियों की सेवा भी समाप्त कर दी गई है.

रापनि का सरकार में विलिनिकरण किया जाए, इस मांग को लेकर 45 दिनों से हडताल चल रही है. यह कामगारों की हडताल है. इस हडताल से संगठन का कोई लेना-देना नहीं है. जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक हडताल जारी रहेगी.
– संजय मालविय, रापनि कर्मी

न्याय मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष
रापनि का सरकार विलिनिकरण करने की मांग को लेकर यह हडताल चल रही है. इसमें किसी भी संगठन का सहभाग नहीं है. जब तक कर्मचारियों को न्याय नहीं मिलता तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा.
– सतिश कडू, रापनि कर्मचारी

रापनि कर्मचारियों की हडताल जारी रहने से सडकों पर फिलहाल 363 में से केवल 13 बसेस ही दौड रही है. शेष बची सभी बसेस डिपो में खडी हैं. इस हडताल के चलते रापनि का 18 करोड रुपयों का नुकसान हुआ है.
– श्रीकांत गभणे, विभागीय नियंत्रक

प्रत्येक्ष में चल रही बसेस
डिपो
अमरावती
बडनेरा
परतवाडा
वरुड
चांदूर रेलवे
दर्यापुर
मोर्शी
चांदूर बाजार
कुल बसेस
62
50
61
47
31
42
33
38

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