अमरावती

अमरावती के इतिहास के सबसे अनोखे डीपीसी सदस्य

एक भी सभा का नहीं मिला मौका

बर्खास्त हो गये, अभी अधिकृत सूूचना नहीं
अमरावती -/दि.1  अमरावती जिले के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि, जिला नियोजन समिति पर सदस्यों की नियुक्ति हुई. एक-दूसरे को बधाई दी गई. भाउ-ताई का अनुयायियों ने बडा अभिनंदन किया. मगर यह डीपीसी सदस्य एक भी सभा में सहभागी नहीं हो सके. प्रदेश में सत्तांतर होते ही इन सदस्यों को हटा दिया गया है. तथापि अभी तक सदस्यता निरस्त किये जाने का अधिकृत आदेश प्राप्त नहीं होने की बात यह सभासद कर रहे है. बता दें कि, प्रदेश में मविआ की सरकार बनने पश्चात पूर्व विधायक प्रा. वीरेंद्र जगताप, पूर्व जिला परिषद सदस्य हरिभाउ मोहोड, पूर्व महापौर विलास इंगोले, सतीश हाडोले, गिरीष कराले, सुनील खराटे, राजेश वानखडे, संतोष महात्मे, भास्करराव ठाकरे का सदस्य के रुप में डीपीसी पर मनोनयन किया गया था. कोरोना काल के बाद डीपीसी की सभा नहीं हो सकी. अब शिंदे-फडणवीस सरकार आने के पश्चात इन नियुक्तियों को खारिज कर दिया गया है. तथापि समिति बर्खास्त होने के बारे में जिला प्रशासन ने समाचार लिखे जाने तक कोई मौखिक अथवा पत्र के माध्यम से सूचना नहीं दी है.
7 अक्टूबर को बैठक
जिला नियोजन समिति की आगामी बैठक 7 अक्टूबर को नये पालकमंत्री तथा प्रांत के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में होने जा रही है. चर्चा है कि, विविध विकास कार्यों के लिए 350 करोड रुपए के प्रस्ताव रखे जाने है. पहले की डीपीसी के अनेक विकास कार्यों के वर्क ऑर्डर भी जारी हो गये थे. किंतु नई सरकार ने उन सभी कार्यों पर रोक लगा रखी है. अब आगामी शुक्रवार की बैठक में क्या होगा. यह दर्शनीय होगा. पदेन सदस्यों के रुप में जिले के विधायकों और सांसदों को आमंत्रित किया जा रहा है. उधर डीपीसी सदस्य बनने बीजेपी और शिंदे गुट के बीच होड बनी हुई है.

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