अमरावती विद्यापीठ में सर्वाधिक वनश्री, कहलाती है ऑक्सीजन टैंक
दवाईयों की वनस्पती सहित करीब 60 हजार पेड-पौधे
अमरावती/दि.5- संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में 59117 पेड-पौधें हैं. पर्यावरण संरक्षण दिवस की पूर्व संध्या पर यह जानकारी देते हुए अधिकृत सूत्रों ने दावा किया कि विदर्भ में सर्वाधिक वनश्री भी यहां है और इन पौधों में कई औषधी वनस्पती भी है. पेड-पौधों की बहुतायत से विद्यापीठ को ऑक्सीजन टैंक भी कहा जाने लगा. हरियालीयुक्त परिसर के कारण लाखों रुपए के अवार्ड अमरावती विद्यापीठ हासिल कर चुकी है.
* छह विद्यापीठ मेें अग्रणी
विदर्भ के 11 जिले में छह विश्व विद्यालय हैं. अकोला, अमरावती, गडचिरोली में 1-1 और नागपुर में रामटेक की संस्कृत विद्यापीठ मिलाकर छह विवि यहां है. किंतु अमरावती विवि ने आरंभ से ही सर्वाधिक वनश्रीयुक्त विद्यापीठ के रुप में पहचान बनाई है. लगभग 40 एकड में व्याप्त विवि परिसर में औषधी, वनस्पति, ईमारती लकडी, जंगली पौधें, सामान्य वनस्पती और ईंधन लकडी के साथ ही फूल और फलों के पेड-पौधे बहुतायत में है. जिससे यहां का वातावरण बडा ही सुखद है. इमारतें और मार्ग की जगह छोड दे तो, बाकी प्रत्येक कोने-कोने में पेड-पौधें सुशोभित है.
* वनस्पती शास्त्र हेतु उपयोगी
विद्यापीठ के वनस्पती शास्त्र विभाग को पढाई के लिए आवश्यक पेड-पौधों की यहां शुुरुआत से ही बहुतायत है. जिसमें अमलतास, चंदन, सिसम, रीठा, जामुन, बेरे, अनार, केले, चीकू, नींबू, एलोवेरा, आम, बास, अशोक, बोगनबेलिया, गुलाब, गेंदा, कमल, चमेली सभी प्रकार के फल और फूलों के पौधे और पेड यहां शान से लहलहा रहे हैं जो आनेवालों को सहज आकर्षित करते हैं. वहीं वनस्पती शास्त्र का विद्यार्थियों को ज्ञान देने में भी योगदान करते हैं.
* लाखों के मिले अवार्ड
हरियालीयुक्त परिसर के कारण विद्यापीठ में आनेवाला प्रत्येक सुखद अनुभूति पाता है. वहीं कई प्रतिष्ठित संस्थान ने विद्यापीठ को लाखों रुपए के आवार्ड से सम्मानित किया है. 1997 में राज्य सरकार का वनश्री अवार्ड मिला था. उसके बाद वनराई और दिल्ली की प्रियदर्शनी वृक्षमित्र पुरस्कार से नवाजा गया. 2005 में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार भी अमरावती विवि को मिल चुका है. यह सिलसिला सतत जारी है.