मोर्शी/ दि. 17- अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्तों ने अपनी मांगों को लेकर विगत 27 दिनों से शुरु किए आंदोलन ने आक्रामक मोड लिया है. शुक्रवार को अपर वर्धा बांध से अमरावती को जलापूर्ति करने वाली पाइप लाइन फोडने के लिए हल्लाबोल करते हुए आंदोलन कारी हाथ में पत्थर लेकर गेट तोडने के लिए आगे बढे. सालों से अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्तों की मांगें पूर्ण नहीं हुई हैं. इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. शुक्रवार, 16 जून को आंदोलनकर्ताओं ने अपर वर्धा बांध से अमरावती को जलापूर्ति करने वाली पाइप लाइन तोड़ने का प्रयास किया. स्थानीय तहसील कार्यालय के सामने बैठे सैकड़ों प्रकल्पग्रस्त अपर वर्धा बांध के गेट के समीप धरना देकर बैठे. हाथों में पत्थर लेकर गेट तोड़ने का प्रयास करने पर पुलिस उन्हें वैन में बिठाकर ले गई. प्रकल्प के गेट के पास धरना आंदोलन शुरू होने से पहले वहां पर पुलिस का ताफा तैनात था.
आंदोलनकर्ताओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू की. उपविभागीय पुलिस अधिकारी डॉ. निलेश पांडे, तहसीलदार सागर ढवले, थानेदार श्रीराम लांबाड़े ने आंदोलनकारियों को समझाकर आप की मांगों का पत्र जिलाधीश कार्यालय के मार्फत मंत्रालय भेजा गया है, ऐसा बताया. तहसीलदार सागर ढवले ने उपमुख्यमंत्री के निजी सचिव को फोन पर घटना की जानकारी दी. उन्होंने प्रधान सचिव से बात करने की सलाह दी. जिलाधीश कार्यालय को भी आंदोलन की जानकारी देने पर उन्होंने बताया कि यह बात शासकीय स्तर पर सुलझाना आवश्यक है. इस बीच कुछ आंदोलनकर्ताओं ने हाथों में पत्थर लेकर अपर वर्धा बांध का प्रवेश द्वार तोड़ने का प्रयास किया. तब पुलिस ने उन्हें रोका और तब 30-40 लोगों को पुलिस वैन में पुलिस थाने की ओर ले जाया गया. आंदोलन के दौरान हुए पथराव व धक्का-मुक्की में एक पुलिस कर्मी की आंख पर चोट लगी है. आंदोलन में सहभागी दो वृद्ध महिलाएं लू लगने से हॉस्पिटल में भर्ती हैं. नए से कार्यभार संभाले उपविभागीय अधिकारी प्रदीप पवार ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर मुआयना किया. हालात पर काबू के लिए मोर्शी, वरुड़, शिरखेड़ से पुलिस तथा दंगा विरोधी दल भी तैनात था.
बाक्स फोटो मेल पर मोर्शी नाम से
धक्कामुक्की में वृद्धा घायल
प्रकल्पग्रस्तों का आंदोलन अपर वर्धा बांध परिसर में चल रहा था. इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में करीब 65 वर्ष आयु की वृद्ध महिला के सिर और पीठ को चोट लगी. उन्हें जिला अस्पताल में रेफर किया गया.