* 7-8 घंटे पहले ही बना ली थी हत्या की योजना
* पुलिस का ध्यान भटकाने किया था अपने पिता के मोबाइल का प्रयोग
अमरावती /दि.1– तिवसा निवासी सुवर्णकार संजय मांडले की विगत सोमवार उनके ही घर में सिर पर लकडी का मोटा डंडा मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मांडले परिवार के घर पर निर्माण का काम करने वाले रोश तांबटकर नामक मिस्त्री को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. जिससे पुलिस द्वारा पुलिस कस्टडी रिमांड के तहत पूछताछ किया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के जरिए मिली जानकारी के अनुसार कहा जा सकता है कि, संजय मांडले की हत्या पूर्व नियोजित थी और रोशन तांबटकर ने वारदात से करीब 7-8 घंटे पहले ही इस वारदात को अंजाम देने की योजना बना ली थी. जिसके बाद पुलिस की पकड में आने से बचने के लिए और पुलिस द्वारा की जाने वाली जांच की दिशा को भटकाने के लिए रोशन ने अपना मोबाइल अपने घर पर रखा था और पूरा दिन अपने पिता के मोबाइल का प्रयोग किया था.
पता चला है कि, सोमवार को रोशन तांबटकर सुबह 10.30 से 11 बजे के दौरान संजय मांडले के घर पर आया था और उसने संजय मांडले के बेटे वैशाख मांडले से एडवान्स रकम मांगी थी. लेकिन वैशाख ने उससे कहा था कि, उसे आज दोपहर अपनी मां को लेकर दवाखाना जाना है, अत: पैसे कल दिए जाएंगे. उसी समय रोशन तांबटकर को यह बात समझमें आ गई थी कि, दोपहर के वक्त संजय मांडले अपने घर पर अकेले रहेंगे. जिसके बाद उसने अपना मोबाइल शुरु रहने के बावजूद उसे अपने घर ले जाकर रखा और अपने पिता का मोबाइल अपने साथ लेकर आया, ताकि घटना के वक्त उसके मोबाइल का लोकेशन उसके घर पर दिखाई दे. लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस के हाथ रोशन तांबटकर के गिरहबान तक पहुंच गये.
* ऐसे हुआ संदेह
पुलिस ने इस मामले में करीब 60 लोगों से पूछताछ की और पुलिस को सबसे पहला संदेह रोशन तांबटकर पर ही हुआ था. पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान रोशन तांबटकर ने बिना कोई सवाल पूछे ही पुलिस को बडे आत्मविश्वास के साथ बताया था कि, जिस दिन संजय मांडले की हत्या हुई, उस दिन यानि सोमवार को वह तिवसा में आया ही नहीं था. जबकि कुछ लोगों के जरिए पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि, सोमवार को रोशन तिवसा में देखा गया था. ऐसे में पुलिस ने तकनीकी ढंग से जानकारी निकाली, तो उसके मोबाइल का लोकेशन घटना वाले दिन उसके देउरवाडा स्थित घर पर दिखाई दे रहा था. लेकिन उसके पिता के मोबाइल का लोकेशन तिवसा में विशेष कर घटनास्थल के पास दिखाई दिया. जिससे स्पष्ट हुआ कि, पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए रोशन ने अपना फोन घर पर रखा था और अपने साथा अपने पिता का फोन लेकर घुम रहा था. पश्चात जब रोशन को अपने कब्जे में लेकर पुलिसियां अंदाज में पूछताछ की गई, तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश किया गया. जहां से उसे 2 दिसंबर तक 4 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा गया.