अमरावती

देश में जातिय संगठना की बजाए प्रवर्ग संगठना की आवश्यकता

डॉ. ज्ञानेश्वर गोरे का प्रतिपादन

अमरावती/दि.14 – जाति के नाम पर एकत्र आने पर विकास साध्य नहीं होता अगर प्रवर्ग के नाम पर एकत्र आए तो विकास संभव होगा. इसलिए आज देश को जातिय संगठन की बजाए प्रवर्ग संगठना की आवश्यता है. ऐसा प्रतिपादन भारतीय पिछडा (ओबीसी) शोषित संगठन प्रदेश अध्यक्ष तथा ओबीसी जनमोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर गोरे ने व्यक्त किया. वे भारतीय पिछडा शोषित संगठन नई दिल्ली तथा ओबीसी जनमोर्चा अमरावती जिला व्दारा आयोजित विभागीय पदाधिकारियों की बैठक में बतौर अध्यक्ष के रुप में उपस्थित थे.
इस अवसर पर गुणवत्ता प्राप्त विद्यार्थियों के लिए सत्कार समारोह तथा पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का भी आयोजन किया गया था इस समय वे बोल रहे थे. संत सावता महाराज सभागृह रामनगर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय सदस्य तथा प्रदेश उपाध्यक्ष ओबीसी जनमोर्चा के विकास काले ने किया तथा प्रमुख अतिथि के रुप में ओबीसी जनमोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी राजेंद्र बनारसे (लातुर), विभागीय अध्यक्षा सुनीता काले, यवतमाल जिला महिला आघाडी अध्यक्षा माया गोरे, प्रदेश पदाधिकारी ओबीसी जनमोर्चा सुनीता ढोके, अमरावती विभागीय उपाध्यक्ष प्रमोद राउत, जिला संगठक महेंद्र भातकुले, विभागीय उपाध्यक्ष प्रकाश देवतले, जिला संगठक प्रभाकर घोटाले, ओबीसी जनमोर्चा के प्रदेश महासचिव प्रविण पेटकर, जिलाध्यक्ष गजानन कविटकर, शहर अध्यक्ष प्रफुल्ल गोबरे, तहसील अध्यक्ष अनिल वरेकर, प्रसिद्धि प्रमुख संजय वाघुले उपस्थित थे.

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