अमरावती

कोरोना नियंत्रित होने के बाद ही नये शैक्षणिक सत्र की होगी शुरूआत

तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए शिक्षा विभाग का निर्णय

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान छोटे बच्चों के कोविड संक्रमण की चपेट में आने की आशंका विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की गई है. ऐसे में कोविड संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आये बिना नये शैक्षणिक सत्र के तहत जल्दबाजी में शालाएं शुरू नहीं की जायेगी. ऐसी जानकारी प्राथमिक शिक्षा समिती के पदाधिकारियों द्वारा दी गई है. ज्ञात रहे कि, शिक्षा विभाग ने गत वर्ष राज्य में 15 जून से तथा विदर्भ में 26 जून से शैक्षणिक सत्र शुरू किया था. किंतु कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए शालाओं को बंद रखकर ऑनलाईन शिक्षा शुरू रखने पर जोर दिया गया था. साथ ही कक्षा 1 ली से कक्षा 11 वीं तक की परीक्षाओं को भी रद्द करते हुए सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया. वहीं अब सभी शालाओं में 1 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गयी है. जिसके बाद समूचे राज्य में 14 जून से एवं विदर्भ में 28 जून से वर्ष 2021-22 का नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने की घोषणा शिक्षा विभाग द्वारा की गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि, भले ही शैक्षणिक वर्ष शुरू हो जायेगा, किंतु तुरंत ही शालाओं को शुरू नहीं किया जायेगा. क्योंकि कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में कई छोटे बच्चों के संक्रमित होने की खबरें कई स्थानों से सामने आयी है, जबकि पहली लहर के दौरान बच्चों के संक्रमित होने का प्रमाण नहीं के बराबर था. वहीं कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान छोटे बच्चों के लिए काफी अधिक खतरा बताया जा रहा है. जिसकी वजह से अभिभावकों में चिंता की लहर है और कई अभिभावकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि, वे कोविड संक्रमण की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित होने के बाद ही अपने बच्चों को शालाओं में भेजेंगे. ऐसे में प्राथमिक शिक्षा समिती द्वारा भी सरकार एवं प्रशासन से निवेदन किया गया है कि, जब तक कोविड संक्रमण की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित नहीं होती, तब तक शालाओें को खोलने की जल्दबाजी न की जाये.

  • स्वास्थ्य सुरक्षा को महत्व

स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वाधिक महत्व दिया जा रहा है. कोरोना का संकट खत्म होने के बाद ही शालाएं प्रत्यक्ष शुरू होंगी. इस दौरान विद्यार्थी अपने घर में ही रहकर शिक्षा प्राप्त कर सके. इस हेतु विविध उपक्रम चलाये जायेंगे. जिसके तहत सभी विद्यार्थियों तक पाठ्यपुस्तके पहुंचायी जायेगी और विद्या प्राधिकरण की ओर से भी विविध माध्यमों के जरिये ऑनलाईन शिक्षा देने की दृष्टि से विशेष नियोजन किया जायेगा, ऐसी जानकारी शिक्षा विभाग के सूत्रों द्वारा दी गई है.

शालाएं शुरू होने से पहले 2 से 18 वर्ष आयुगुटवाले सभी बच्चों का टिकाकरण किया जाये और यह अभियान सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर तक चलाया जाये, ताकि बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
– राजेश सावरकर
राज्य प्रतिनिधी, महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिती

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