अमरावतीमहाराष्ट्र

नई आर्थिक नीति का ग्रामीण कृषक समाज पर गंभीर परिणाम

डॉ. प्रदीप मेश्राम ने जताई चिंता

* विवि में 15 वें राज्यस्तरीय अधिवेशन का दूसरा सत्र
अमरावती/दि.29-नई आर्थिक नीति का स्वाीकार कर आज 30 साल से अधिक समय बीत गया. ग्रामीण कृषक समाज पर इन दिनों इसका भीषण परिणाम दिखाई देता है. शिक्षा और सार्वजिनक आरोग्य की दृष्टि से भी ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति कृषक जीवन में संकट निर्माण करने वाली है. समाज की रुढीवादी धारणा, जातिव्यवस्था के कारण कृषक समाज की समस्या बिकट हुई है. इस पर उपाय के रुप में समाजशास्त्र के अभ्यासक और संशोधकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, यह बात राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विद्यापीठ के समाजशास्त्र अभ्यास मंडल के अध्यक्ष व सत्र के प्रमुख वक्ता डॉ. प्रदीप मेश्राम ने कही. संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के समाजशास्त्र विभाग और विदर्भ मराठी समाजशास्त्र परिषद, ब्रह्मपुरी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय 15 वें राज्य अधिवेशन के दूसरे सत्र में वे बोल रहे थे. इस अवसर पर बतौर अध्यक्ष डॉ. धनंजय सोनटक्के, डॉ. अशोक बोरकर उपस्थित थे.

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