अमरावती

प्राचीन भारतीय मूल्यों और रचनात्मकता का विकास करने वाली है नई शिक्षा नीति…..

डॉ श्रीराम नेरलेकर का प्रतिपादन

ब्रजलाल बियाणी महाविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी
अमरावती/दि.8- स्थानीय स्थानीय बृजलाल बियानी विज्ञान महाविद्यालय में आज ‘नई शिक्षा नीति वाणिज्य व व्यवस्थापन के संदर्भ’ में विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई. विद्यापीठ गीत द्वारा कार्यक्रम का आगाज किया गया, तत्पश्चात मंचासीन मान्यवारों द्वारा दीप प्रज्वलन, प्रा.पूजा मोहता द्वारा प्रस्तुत की गई. सरस्वती वंदना तथा अतिथियों का शॉल, बुके,श्रीफल और स्मृति चिन्ह द्वारा सत्कार के बाद अपने प्रस्ताविक वक्तव्य में डॉ नीता हॉनराव ने बृजलाल बियानी महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग की विगत वर्षों में हासिल उपलब्धियों प्रगति तथा छात्रों की विभिन्न क्षेत्रों में हासिल सफलता के बारे में जानकारी दी. नयी शिक्षा नीति का उपयोग, उद्दिष्ट बंजारा, प्राचार्य डॉ. दीपक धोटे ने कहा कि, इस वर्ष महाविद्यालय स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है. उसी के अंतर्गत इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. विदर्भ केसरी बृजलाल बियानी द्वारा लगाया गया यह पौधा आज विभिन्न विभागों और अभ्यासक्रम की शाखाओं द्वारा पुष्पित पल्लवित हो गया है और यह प्रक्रिया सतत शुरू है. इसकी शाखाओं पर लगे फूल आज देश ही नहीं विदेशों में भी अपने खुशबू अपने हुनर की खुशबू फैला रहे हैं. इस नई शिक्षा नीति से वाणिज्य व्यवस्था क्षेत्र में निश्चित ही कई सकारात्मक बदलाव भी होंगे तथा प्रगति भी. उद्घाटक श्रीराम नेरलेकर ने संस्था, संस्था अध्यक्ष एड. अशोक राठी , प्राचार्य डॉ दीपक धोटे की इस आयोजन के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि, देश में यह पहली बार है जब इस तरह की शिक्षा नीति लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि चूंकि शिक्षा नीति समवर्ती सूची में आती है इसलिए यह तभी लाभकारी होगी या उन्नति करेगी जब सभी विद्यापीठ, स्वायत्त संस्थाएं, संस्थाएं प्राध्यापक विद्यार्थी इसे सपोर्ट करेंगे और इसके लिए जोश और जज्बा आवश्यक है .
मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ.विनायक देशपांडे रायसोनी विद्यापीठ अमरावती ने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा ही नहीं बल्कि शोध के लिए भी लाभान्वित रहेगी. इस नई शिक्षा नीति में रिसर्च और अन्य स्किल्स पर बहुत जोर दिया जा रहा है. उन्होंने विषय और संबंधित उप विषयों की सराहना की और इसके लिए कई शोध आलेख प्राप्त होने पर प्राचार्य डॉ दीपक धोटे, विभागाध्यक्ष डॉ नीता होनराव, डॉ शैला निब्जिया तथा आयोजन कमेटी को बधाई दी, और संगोष्ठी के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की .
डॉ. दिनेश नीचित डिन, संगाबा ने सीबीसीएस के अंतर्गत इस शिक्षा नीति के लागू करने में आने वाली कठिनाइयां और उनके समाधान ऊपर रोशनी डाली उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में सभी प्राध्यापकों और शोध विद्यार्थियों को इस संगोष्ठी से निश्चय ही फायदा होगा.
संस्था अध्यक्ष और कार्यक्रम अध्यक्ष एड. अशोक राठी ने कहा कि हमारी संस्था हमेशा ही ऐसे आयोजनों के लिए उत्साहित रहती है और विभाग के उत्साह पूर्वक किए गए कार्यों इस प्रकार के आयोजनों की सराहना भी करती है.
उद्घाटन वक्तव्य के बाद विशेषज्ञों, प्राध्यापकों तथा शोध विद्यार्थियों द्वारा इस अवसर पर संगोष्ठी के विषयों पर लिखे गए शोध पत्रों के सारांश की स्मरिका का विमोचन मंच पर उपस्थित मान्यवरों के किया गया.
कार्यक्रम में संस्था के उपाध्यक्ष देवदत्त जी शर्मा तथा ओम प्रकाश जी लड्डा संस्था सचिव सुनील जी गोयनका महाविद्यालय के उप प्राचार्य श्री सीताराम जी राठी मुख्य रूप से उपस्थित थे.
अतिथि परिचय प्राध्यापक गायत्री मोहता द्वारा दिया गया. कार्यक्रम का सुंदर संचालन प्राध्यापक मीनल भुप्तानी ने किया तथा आभार डॉ. शैला निब्जिया ने माना. इस संगोष्ठी को सफल बनाने हेतु डॉ गिरीश डागा, डॉ वैभव चिंचमलातपुरे, प्रा. पूजा राठी, प्रा. नेहा फंजे, प्रा. डॉ ममता मेहता प्रा. अर्चना आखरे, प्रा.निखिल टावरी, उज्जवला नाईक, डॉ प्राची अग्रवाल तथा मनीष महाजन, संजय राठी, उदय देशमुख ,कोकिला ताई ,कल्पेश भट्टड़ ने अथक परिश्रम किया. संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में तथा वाचन सत्र में बड़ी संख्या में विभिन्न महाविद्यालयों से आए विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, विद्यार्थी तथा बियानी महाविद्यालय के प्राध्यापक उपस्थित थे.

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