व्याघ्र तस्करों की कुख्यात बहेलिया टोली सक्रिय
समूचा विदर्भ अलर्ट मोड पर बाघों को बचाने की चुनौती
* बाघ तस्करों का अकोट, चिखलदरा व चंद्रपुर से कनेक्शन
अमरावती/दि.31 – बाघों की शिकार के लिए कुख्यात रहने वाले बहेलिया टोली के शिकारी इस समय विदर्भ क्षेत्र में दाखिल हो चुके है. जिसके चलते समूचे विदर्भ क्षेत्र को अलर्ट मोड पर रखा गया है. साथ ही आवाहन किया गया है कि, ग्रामीण क्षेत्र में कही पर भी प्लास्टिक के हार-फूल व मालाएं बेचने हेतु तथा लोखंड का काम करने वाले लोगों का डेरा दिखाई देते हुए ग्रामीण पुलिस अथवा स्थानीय वनविभाग को सूचित किया जाये, ताकि बाघों को शिकार होने से बचाया जा सके. इससे संबंधित पोस्ट सोशल मीडिया पर भी वायरल की गई है. चिखलदरा, अकोट व चंद्रपुर क्षेत्र में उजागर हुई. घटनाओं को देखते हुए संभावना जतायी जा रही है कि, स्थानीय शिकारियों के साथ बहेलिया टोली का सिधा कनेक्शन है.
बता दें कि, विगत दिनों मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के गुगामल वन्यजीव विभाग अंतर्गत चूरणी बीट में एक तेंदूए व हिरण को रस्सी से बांधकर कुएं में फेंके जाने की बात सामने आयी थी. जिसमें प्राथमिक अनुमान लगाया गया था कि, संभवत: जहर का प्रयोग करते हुए बाघ का शिकार किया गया. साथ ही बाघ हेतु बिछाये गये जाल में हिरण भी आकर फंस गया और मारा गया. जिसके बाद दोनों वन्य प्राणियों के शवों को रस्सी से बांधकर कुएं में फेंक दिया गया. इसके साथ ही अकोट में पुणे के डीआरआई के पथक ने कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को अपनी हिरासत में लिया. जिनके पास से एक तेंदूए की खाल भी बरामद की गई. ऐसे में अकोट, चंद्रपुर व मेेलघाट की घटनाओं के तार बहेलिया टोली के साथ जोडे जा रहे है.
* बहेलिया टोली का मुखिया चंद्रपुर में
– शिकार अकोट व चिखलदरा में
उल्लेखनीय है कि, बाघ के शिकार के मामले में बहेलिया टोली के मुखिया अजीत राजगोंड को चंद्रपुर जिले के राजुरा से गिरफ्तार किया गया है. साथ ही उसके कुछ सहयोगियों को भी पकडा गया. मध्यप्रदेश के कटनी में रहने वाला अजीम राजगोंड अपने परिवार के साथ राजुरा में रहता पाया गया. ऐसे में उसने विदर्भ क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर शिकार करने की योजना बनाई थी. इसकी जांच की जा रही है.
* मैं फिलहाल छुट्टी पर हूं कोई भी शिकार होने पर अथवा आरोपियों के पकडे जाने पर जांच सहित अन्य बातों के लिए अलर्ट जारी किया जाता है. इसी के तहत इस समय विदर्भ में अलर्ट जारी है. गर्मी के मौसम के दौरान शिकार होने से रोकना काफी चुनौतीपूर्ण रहता है. गिरफ्तार आरोपियों द्वारा कहां पर शिकार की गई तथा शिकार को लेकर उनका क्या प्लान था. इसकी जांच चल रही है.
– जीतेंद्र रामगावकर,
क्षेत्र संचालक,
ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प, चंद्रपुर.
* चूरणी की घटना को लेकर जांच जारी है और अपराध दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है. इसे लेकर अलर्ट जारी रहने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.
– दिव्या भारती,
उपवन संरक्षक,
गुगामल वन्यजीव विभाग, चिखलदरा.
* शिकार की बढती घटनाएं काफी चिंताजनक है. अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के पेशेवर अपराधियों का स्थानीय वन्यजीव तस्करों के साथ संपर्क पाया गया है. जिस पर गंभीरता से विचार करते हुए कडी कार्रवाई करना बेहद आवश्यक है.
– यादव तरटे पाटिल,
पूर्व सदस्य, राज्य वन्यजीव मंडल.