
अमरावती/दि.16– एक ओर स्वच्छ भारत अभियान में अमरावती शहर का नाम दर्ज कराने हेतु मनपा प्रशासन के साथ सफाई कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे है. वहीं दूसरी ओर वेतन देने हेतु बजट का प्रावधान कम पडने की वजह को आगे करते हुए सफाई कर्मियों की संख्या में कटौती किये जाने संबंधित गोपनीय फाईल महानगरपालिका में एक विभाग से दूसरे विभाग के बीच घुमाई जा रही है. जिससे सफाई ठेकेदारों में जबर्दस्त अस्वस्थता का आलम है.
बता दें कि, अमरावती महानगरपालिका में भाजपा की सत्ता स्थापित होने के बाद एक प्रभाग-एक ठेकेदार की संकल्पना अमल में लायी गई. जिसके अनुसार 22 प्रभागों में 22 ठेकेदारों को साफ-सफाई का ठेका दिया गया है. नया ठेका रहने के चलते सभी ठेकेदारों को साफ-सफाई से संबंधित आवश्यक साहित्य सहित कचरा लाने-ले जाने हेतु नये वाहन खरीदने के लिए कहा गया. इस संदर्भ में प्रशासन की ओर से तीन वर्ष अधिक एक-एक वर्ष की समयावृध्दि दी गई. वहीं आमसभा ने पांच वर्ष की कार्य अवधि का प्रस्ताव पारित किया है. अब सभी ठेकेदारों को काम करते हुए तीन वर्ष पूरे हो गये है. वहीं मनपा के आगामी चुनाव हेतु 33 प्रभाग बनाये जा रहे है. ऐसे में मनपा प्रशासन ने सफाई ठेके को चुनाव होने से पूर्व एक वर्ष की समयावृध्दि देने की बजाय प्रत्येक प्रभाग में सफाई कर्मियों व ठेकेदारों की संख्या को कम करने का प्रयास शुरू किया है. इस संदर्भ में एक फाईल मनपा अधिकारियों के टेबल पर घुम रही है. ऐसी जानकारी सामने आयी है. जिसके चलते मनपा के सफाई ठेकेदारों व सफाई कर्मियों में जबर्दस्त बेचैनी फैली हुई है.
पांच वर्ष का सफाई कार्य का ठेका रहने के चलते कई ठेकेदारों ने कर्ज पर वाहन खरीदे. ऐसे में अब यदि तीन वर्ष बाद उन्हें एक-एक वर्ष की समयावृध्दि नहीं मिलती है, तो वे वाहनों की किश्त कहां से अदा करेंगे, यह सबसे बडा सवाल है. विशेष उल्लेखनीय यह है कि, मनपा ने इस संदर्भ में नीति तय करने के बाद ठेकेदारों के साथ करार करते समय पांच वर्ष के हिसाब से स्टैम्प ड्यूटी लगायी थी. ऐसे में सभी को काफी अधिक खर्च करना पडा था. किंतु अब यदि तीन वर्ष के बाद ही ठेका खत्म कर दिया जाता है और कामगारोें की संख्या में कटौती की जाती है, तो प्रभागों में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए काम कैसे हो पायेगा. यह सबसे बडा सवाल है.
* सैंकडों लोग होंगे बेरोजगार
इस समय हर एक प्रभाग में साफ-सफाई करने हेतु 55-55 कामगार नियुक्त किये गये है. जिनमें मनपा व सफाई ठेकेदारों के कर्मचारियों का समावेश है. जानकारी के मुताबिक गोपनीय फाईल में हर प्रभाग हेतु 30 कामगारों की अधिकतम संख्या तय की गई है. ऐसे में हर प्रभाग के 15 यानी 22 प्रभागों के 330 कर्मचारियों की छंटनी की जायेगी. जिसके चलते उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या आन पडेगी. ऐसे में सभी सफाई ठेकेदारों व सफाई कर्मियों के प्रतिनिधि मंडल द्वारा निगमायुक्त रोडे से मुलाकात करते हुए उन्हें अपनी समस्याओं व भावनाओं से अवगत कराने का प्रयास किया जा रहा है.