अमरावती/दि.२९ – अगस्त माह के अंतिम सप्ताह से अमरावती जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बडी तेजी के साथ बढना शुरू हुई थी और सितंबर माह के दूसरे सप्ताह तक एक समय ऐसा भी आया जब रोजाना ३०० से ४०० नये संक्रमित मरीज पाये जाने लगे थे. लेकिन अब धीरे-धीरे नये संक्रमित मरीज मिलने की रफ्तार कुछ सुस्त हुई है और पिछले पांच दिनों में नये संक्रमित मरीज मिलने की संख्या कुछ हद तक घटी है. जिसे अपने आप में एक राहत वाली खबर कहा जा सकता है. वहीं इस समय हालात को सुधारने के लिए बेहद जरूरी है कि, कोरोना संक्रमण की चेन को तोडने सामूहिक व साझा प्रयास बडी तेजी के साथ किये जाये.
ज्ञात रहे कि, कोरोना का संक्रमण जाति-धर्म, अमीर-गरीब, छोटे-बडे सहित किसी भी तरह का कोई भेद नहीं करता है और इस समय समाज के सभी वर्ग और विविध क्षेत्रों में काम करनेवाले लोग इस संक्रमण की चपेट में आ रहे है. ऐसे में सभी लोगों को इस बीमारी के संक्रमण का समसमान खतरा है. ऐसे में हर स्तर पर प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं के तहत प्रशासन के नियमों व निर्देशों का पालन होना बेहद महत्वपूर्ण है. उल्लेखनीय है कि, अप्रैल व मई माह के दौरान अमरावती मनपा क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण बडी तेज गति से फैला. वहीं अब जिले के तमाम ग्रामीण इलाके भी इस संक्रमण की चपेट में है. इन दिनों रोजाना जितने लोगों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की जा रही है, उसमें से ३० से ४० तीसरी सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजीटिव आ रही है. वहीं सितंबर माह के दूसरे सप्ताह के दौरान १७ सितंबर को ४३० कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये थे. यह एक दिन के दौरान मिलनेवाले मरीजों की सर्वाधिक संख्या थी. इसके साथ ही १७ सितंबर से पहले व बाद में तीन-चार दिन रोजाना २०० से ३०० मरीज मिलना बेहद आम बात थी, लेकिन अब विगत पांच दिनों के दौरान यह संख्या घटती दिखाई दे रही है. जिसे काफी हद तक राहतवाली खबर माना जा सकता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, समाज के हर वर्ग द्वारा सभी स्तरों पर कोरोना प्रतिबंधात्मक दिशानिर्देशों का पालन किया जाये, ताकि कोरोना संक्रमण की चेन को तोडने में सफलता मिले.
मास्क को लेकर अभियान चलाना बेहद जरूरी
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत दिनों राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे अमरावती जिले के संक्षिप्त दौरे पर आये थे. जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा अमरावती शहर सहित जिले में हर ओर सडकों पर बिना मास्क पहने घुमनेवाले लोगों के खिलाफ अभियान छेडा गया था और ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करते हुए उनसे भारीभरकम राशि का जुर्माना भी वसूला गया, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री टोपे का दौरा पूरा होते ही अगले एक-दो दिन बाद यह अभियान लगभग बंद हो गया है, और अब शहर की सडकों पर कहीं कोई पथक अथवा कार्रवाई का दृश्य दिखाई नहीं दे रहा. ज्ञात रहे कि, विगत पांच दिनों के दौरान जहां एक ओर अनिवार्य तौर पर मास्क पहनने को लेकर अभियान चलाया जा रहा था, उन्हीं पांच दिनोें के दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी देखी गयी. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाह व बेफिक्र हो चले लोगों को प्रतिबंधात्मक उपायों के संदर्भ में जागरूक व सचेत करने हेतु यह अभियान अगले कुछ दिनों तक लगातार चलाया जाये.
मृतकों में वयस्कों व पुरूषों का प्रमाण अधिक
अमरावती जिले में २८ सितंबर तक २७९ कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. जिले में पहले कोरोना संक्रमित मरीज और कोरोना संक्रमण के चलते पहली मौत का मामला ४ अप्रैल को सामने आया था. इसके बाद ३१ अगस्त तक १२७ संक्रमितों की मौत हुई थी और जारी सितंबर माह में २८ दिनों के दौरान १५२ कोरोना संक्रमितों ने दम तोडा. इन मृतकों में से ९५ प्रतिशत लोग वयस्क आयुश्रेणी से वास्ता रखते थे. इसमें भी पुरूषों का प्रमाण सर्वाधिक रहा. इन सभी मरीजों को कोरोना के साथ ही अन्य कोमार्बीड (एक से अधिक) बीमारियां थी. ऐसा उनके डेथ एनेलेसीस के जरिये स्पष्ट हुआ है.
१५ दिनों के दौरान कोरोना की स्थिति
दिनांक पॉजीटिव कुल
- १७ सितंबर ४३० १०,१०३
- १८ सितंबर २४४ १०,३४७
- १९ सितंबर २४३ १०,५९०
- २० सितंबर ३७० १०,९६०
- २१ सितंबर २२५ ११,१८६
- २२ सितंबर ३९३ १०,६७८
- २३ सितंबर १६६ ११,७४४
- २४ सितंबर २७२ १२,०१६
- २५ सितंबर २१७ १२,२३३
- २६ सितंबर २४५ १२,२३३
- २७ सितंबर २०५ १२,६८६
- २८ सितंबर २०४ १२,८८७
मरीजों के डिस्चार्ज होने का प्रमाण भी बढा
– ८० फीसदी मरीज हो चुके कोविड मुक्त, मात्र १८ फीसदी है एक्टिव पॉजीटिव
इस समय जिले में जहां एक ओर नये संक्रमित मरीज मिलने का प्रमाण घट गया है, वहीं दूसरी ओर राहतवाली खबर यह भी है कि, अमरावती जिले में कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद कोविड मुक्त होकर अस्पताल से डिस्चार्ज प्राप्त कर अपने घर लौटनेवाले मरीजों की संख्या भी लगातार बढ रही है. इस समय तक कोरोना संक्रमित पाये गये ८० फीसदी मरीज कोविड मुक्त हो चुके है और केवल १८ प्रतिशत मरीजों का ही एक्टिव पॉजीटिव के तौर पर इलाज चल रहा है. इसके अलावा अब तक कोरोना संक्रमित पाये गये मरीजों में से केवल दो फीसदी मरीजों की ही इस संक्रमण की वजह से मौत हुई है. इसमें भी अधिकांश मरीज कोरोना के अलावा अन्य कई बीमारियों (कोमार्बीड) से ग्रसित थे, जो उनकी मौत की मुख्य वजह रही. ऐसे में कहा जा सकता है कि, जिले में जैसे ही मेरा परिवार-मेरी जिम्मेदारी अभियान शुरू किया गया, वैसे ही कोरोना के नये संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आयी है. वहीं दूसरी ओर जिला एवं स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा लगातार किये जा रहे प्रयासों की वजह से कोरोना संक्रमित पाये गये मरीजों को कोविड मुक्त करने में बडे पैमाने पर सफलता मिली है.
जिले में संक्रमितों व डिस्चार्ज की स्थिति
दिनांक संक्रमित डिस्चार्ज
- १ मई ४५ ०५
- १५ मई ९३ ५६
- १ जून २४९ १२४
- १५ जून ३४८ २५३
- १ जुलाई ५९२ ४१०
- १५ जुलाई १०५९ ६६७
- १ अगस्त २२२८ १५७६
- १५ अगस्त ३७६६ २५८३
- १ सितंबर ५८९८ ४४१७
- १५ सितंबर ९३८९ ७२१२
- २८ सितंबर १२८८७ १०३०८