शहर में पंजीकृत की बजाए अनधिकृत हॉकर्स की संख्या अधिक

अतिक्रमण की समस्या बनी जी का जंजाल

* हॉकर्स जोन का कहीं पर भी नहीं हो रहा पालन
अमरावती /दि.15– अमरावती शहर में जहां एक ओर 3 हजार 432 पंजीकृत हॉकर है, वहीं दूसरी ओर अनधिकृत हॉकर्स की संख्या इससे कहीं अधिक है. जिसके चलते अतिक्रमण की समस्या दिनोंदिन बिकट होती जा रही है और रोजाना अच्छा-खासा पैसा खर्च करते हुए अतिक्रमण निर्मूलन कार्रवाई किए जाने के बावजूद भी शहर में अतिक्रमण का प्रमाण कम नहीं हो रहा. मनपा द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ जोन स्तर पर कार्रवाई के अधिकार दिए जाने के बावजूद शहर में अतिक्रमण की समस्या को लेकर गंभीरता के साथ कार्रवाई नहीं हो रही. जिसके चलते शहर में अतिक्रमण की समस्या जस की तस है और सडकों के किनारे हॉकर्स द्वारा रोजाना सुबह-शाम किए जानेवाले अतिक्रमण के चलते ट्रैफिक जाम की समस्या भी रोजाना पैदा हो रही है. जिससे आम शहरवासी त्रस्त हो गए है. साथ ही शहर में वाहनों के साथ हादसों एवं इंधन का खर्च भी बढ गया है. क्योंकि अतिक्रमण के चलते शहर के मुख्य रास्तों, चौराहों व व्यापारिक क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम हो जाता है और ऐसे स्थानों पर होनेवाली भीडभाड के चलते कछुआ गति से आगे बढना पडता है.
बता दें कि, महानगर पालिका ने शहर के विविध क्षेत्रों में 18 हॉकर्स जोन निश्चित किए है. परंतु यह हॉकर्स जोन ऐसे स्थानों पर है जहां पर ग्राहक खरीददारी के लिए जाते ही नहीं है. जिसके चलते हॉकर्स भी मुख्य चौक, बाजारपेठ, प्रमुख रास्तों तथा शहर के बिचोबिच मौके वाले स्थानों से हटने के लिए तैयार नहीं है. रास्ते के दोनों ओर अतिक्रमण रहने के चलते उसके बाद वाहन भी पार्क किए जाते है. जिसके चलते रास्तों से गुजरने हेतु वाहनों काफी कम जगह मिलती है. ऐसे समय दुपहिया वाहन तो जैसे-तैसे आगे सरकते है, परंतु चार पहिया वाहनों के बीच में फंस जाने की वजह से ट्रैफिक जाम हो जाता है.
शहर में राजकमल चौक, श्याम चौक, गांधी चौक, चित्रा चौक, जयस्तंभ चौक, नवाथे, रविनगर चौक, भूतेश्वर चौक, टांगा पडाव, इतवारा बाजार, पंचवटी चौक, राजापेठ, दस्तुरनगर चौक, फ्रेजरपुरा चौक, डी-मार्ट परिसर व बेनाम चौक जैसे स्थानों पर ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा होना हमेशा की बात हो गई है.

* एक अतिक्रमण निर्मूलन कार्रवाई पर खर्च होते है 20 हजार रुपए
मनपा को शहर के रास्तों सहित फूटपाथ पर कच्चे व पक्के अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रत्येक कार्रवाई पर 15 से 20 हजार रुपए खर्च करने पडते है. परंतु ऐसी कार्रवाई में साहित्य जब्त करने के उपरांत कार्रवाई के अगले ही दिन संबंधित हॉकर्स दुबारा उसी स्थान पर खडे रहकर एक बार फिर अतिक्रमण करते हुए अपना व्यवसाय करते है, यानि साहित्य जब्त करने के बावजूद उन पर कोई परिणाम होता दिखाई नहीं देता. जिसके चलते मनपा द्वारा किया गया खर्च व्यर्थ चला जाता है. ऐसे में इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले जाने की मांग की जा रही है.

* जोन स्तर पर कार्रवाई करने के निर्देश
हॉकर्स की समस्या शहर में दिनोंदिन बढती जा रही है. जिसके चलते मनपा द्वारा जोन स्तर पर हॉकर्स के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है. जोन क्रमांक 1, 2 व 3 में बडे पैमाने पर हॉकर्स है. क्योंकि यह क्षेत्र शहर के बिचोबिच है और इन क्षेत्रों में शहरवासियों की आवाजाही बडे पैमाने पर होती है. जिसके चलते कई फूटकर व्यापारियों द्वारा इन इलाकों में अपनी दुकाने लगाई जाती है, जहां पर लोगबाग भी बडी संख्या में खरीददारी हेतु भीडभाड करते है.
उदय चव्हाण
अधीक्षक, बाजार परवाना.

* अमरावती शहर में हॉकर्स की संख्या अच्छी-खासी है. जिनका पंजीयन करने का प्रयास किया जा रहा है. परंतु कई बार हॉकरों में यह गलत धारणा बन जाती है कि, एक बार उनका पंजीयन कर लिए जाने के बाद वे जहां खडे रहते है, वहीं उनकी पक्की जगह हो गई है. जबकि ऐसा नहीं है. ऐसे में अब शहर को अतिक्रमणमुक्त करने हेतु कठोर कदम उठाए जाने की जरुरत है. सबसे बडी समस्या यह है कि, सभी हॉकरों को शहर के बिचोबिच हॉकर्स जोन चाहिए है. परंतु शहर के मध्य स्थल में इसके लिए जगह ही उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सभी हॉकरों को मनपा द्वारा तय किए गए हॉकर्स जोन में जाना ही होगा.
– सचिन कलंत्रे
आयुक्त व प्रशासक
अमरावती मनपा.

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