मेट्रो सिटी, छोटे-बडे शहर व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में शराब की लत
औरंगाबाद- दि.3 चार दोस्त एकसाथ आये तो गिलास के साथ रंगने वाली चिअर्स पार्टी का समीकरण अब गुजरे समय की बात हो गई है. फिलहाल युवती, महिलाएं भी इस कदर आगे बढ गई है कि, वे चिअर्स करने अवसर भी खोजने लगी है. नारियों में व्यसन का स्तर तेजी से बढ रहा हेै. राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में यह मुद्दा विशेष तौर पर सामने आया है.
राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में महिलाओं की संख्या कम है. फिर भी मेट्रोसिटी, छोटे-बडे शहर व गांव तबके की महिलाओं में शराब का सेवन बढते जा रहा है. बदलते यह लाइफ स्टाईल चिंता का विषय बन रही है. राज्य में 15 से 49 वर्ष आयु के व्यक्तियों में शराब पिने का स्तर सबसे ज्यादा है. इसमें फिलहाल महिलाओं का प्रमाण 1 प्रतिशत से कम है. परंतु पिछले 5 वर्षों की तुलना में महिलाओं के यह आंकडे लगातार बढते जा रहे है, उसमें भी ग्रामीण भाग की महिलाओं की अपेक्षा शहर की महिलाओं का आकर्षण ज्यादा बढा है. मुंबई, पुणे, सोलापुर इन शहरों को औरंगाबाद के पुरुषों ने शराब की सेवन को काफी पीछे छोडा है. उनके प्रतिशत पर नजर दोैडाई जाए तो औरंगाबाद के 13.7 प्रतिशत पुरुष शराब पिते है, ऐसी रिपोर्ट कहती है. राज्य में 15 से 49 आयु के शराब पिने वाले पुरुषों का स्तर 17.2 प्रतिशत है और महिलाओं का स्तर 0.2 प्रतिशत है. ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं का 0.1 और शहरी क्षेत्रों में 0.3 प्रतिशत है.
महिलाएं क्यों पिती है शराब?
– तनाव, निराशा के कारण उठाती है कदम.
– पहले थोडीसी और उसके बाद लत जखड लेती है.
– मित्रों का आग्रह मॉडर्न लाइफ स्टाईल जीने का शौक
– पुरुष पिता है, इसलिए पुरुषों की बराबरी करने हेतु शराब का सेवन
15 वर्ष से अधिक मद्यपान (आंकडे प्रतिशत में)
शहर महिला पुरुष
औरंगाबाद 0.2 13.7
मुंबई 0.3 10.0
नागपुर 0.4 17.8
पुणे 0.2 11.6
नासिक 0.2 12.2
सोलापुर 0.3 13.1
… इस वजह से व्यसन करना चाहिए लगता है
आर्थिक, भावनिक स्वतंत्रता, घर का काम, नौकरी व अन्य वजह से तनाव बढता हेै. करीबी व्यक्ति समझ नहीं पाते तब व्यवसन करना चाहिए, ऐसा महसूस होता है. मैं अलग हूं, ऐसा दिखाने के लिए भी महिलाएं शराब के नशे की ओर बढती हेै.
– डॉ. संदीप सिसोदे, अध्यक्ष, मानसशास्त्रीय वेलफेअर एसोसिएशन