अमरावतीमहाराष्ट्र

भरोसा जिस पर किया उसी ने लुटा…..

शानदार रहा ‘एक शाम आरीफ सैफी’ के नाम मुशायरा

अमरावती/दि.01– भरोसा जिस पर किया उसी ने लुटा है, अंधेरा करके रौशनी ने लुटा है… जैसी शायरी से स्थानीय सांस्कृतिक भवन में शायरों ने उपस्थितों का दिल जीत लिया. सोमवार 1 जनवरी को नये साल व सोशल मिडिया पर धूम मचाने वाले शायर आरीफ सैफी (हैदरबाद) के जन्मदिन अवसर पर ‘एक शाम आरीफ सैफी के नाम’ ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन किया गया. इस मुशायरे में देश भर के शायरों ने अपनी उपस्थिती दर्ज कराई.

शान होंडा, शालीमार गु्रप व पासपाने उर्दु अदब की ओर से आयोजित ‘एक शाम आरीफ सैफी के नाम’ मुशायरे का आयोजन नये साल व  अवसर पर सोमवार को किया गया. मुशायरे की शुरूआत अतिथियों के हाथों शमा रौशन कर की गई. जिसके बाद सभी अतिथियों को मुशायरा कनविनर फिरोज खान व डॉ. जाहिद नय्यर व्दारा भव्य पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया गया. मुशायरे की अध्यक्षता वरिष्ठ कॉगे्रेसी नेता बदरुज्जमा (अकोला) ने की. प्रमुख अतिथी के रुप में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष व विधानपरिषद सदस्य डॉ. वजाहत मिर्जा मौजुद थे. इस समय मंच पर हाजी हमीद (रोशन के्रशर), भाई अमन (यवतमाल) समाज सेवक क्यामुद्दीन पठान, शेख नौशाद (शालीमार गु्रप), मुकद्दर खान पठान, कासम भाई, साजीद सेठ, सै. इश्तियाक, अनिक अहमद मास्टर, साजीद भाई सब्जीवाले, जावेद स्पेयर पार्टस, वहीद खान, संजु पिंगले, नजीर भाई हैदराबाद, अमोल भालकर (शान होंडा), सोहेल भाई ( मुर्तिजापुर) सहित अनेक मान्यवर मंच पर मौजुद थे. स्वागत कार्यक्रम का संचालन शायर इकबाल साहिल ने किया.

मुशायरे में हम्द-ए-पाक-हुनर सभी को वह हस्बे हाल देता है, किसी-किसी को रौशन ख्याल देता है. से इरशाद अंजुम ने पढा. जिसके बाद शाअदा तस्लीम ने नात -मुस्तफा पढ कर सभी का दिल जीत लिया. मुशायरे में स्थानीय शायर साहिल रब्बानी ने गजल- रात होते ही अंधेरो की जबानी लिखना, कितना मुश्किल होता है चरागों की कहानी लिखना. भरोसा किया उसी ने लुटा है,

अंधेरा कर रौशनी ने लुटा है… जैसी शायरी पढ कर खुब वाह-वाही लुटी. इसी तरह शायर कमर राज व्दारा- जमी के है ही नही आसमा के है हि नही,

बिछड के तुझसे किसी जहां के है हि नहीं.
इसी तरह अल्ताफ जिया( मालेगांव), वाहिद अंसारी(मालेगांव) रागिब बयालवी, कपिल जैन (दिग्रस) साबिर मुस्तफाबादी, महक कैरानवी (म.प्र.) डॉ. खालिद नय्यर, जावेद इशाइती, इकबाल साहिल ने भी अपनी शायरी से पुरे सभागृह को तालियां बजाने तथा वाह-वाह करने पर मजबुर कर दिया. देर रात तक चले मुशायरे का संचालन इरशाद अंजुम ने किया. आभार मुशायरा कनविनर फिरोज खान, व डॉ. जाहिद नय्यर ने माना. कार्यक्रम में मुर्तिजापुर गु्रप, वलगांव कॉग्रेस कमेटी गु्रप, आष्टी दरगाह उर्स कमेटी गु्रप, यवतमाल गु्रप का आयोजन समिती की ओर से स्वागत किया गया. आयोजन को सफल बनाने हेतु अजहर बिल्डर, शेख कलीम, अब्दुल नईम, असलम खथान, सोहेल शेख ताजोद्दीन, नसीम खान पप्पू, अजहर पटेल, रफ्फू पत्रकार, यासीर भारती सहित पासबाने उर्दु अदब, शालीमार गु्रप आदि ने भरपुर प्रयास किया.

मुशायरा अदबी अमल
अपने उद्घाटन भाषण के दौरान वक्फ बोड अध्यक्ष व विधायक डॉ.वजाहत मिर्जा ने कहा कि मुशायरा यह सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होता. बल्कि यह अदबी अमल यानी की उर्दू का अदब करना सिखाता है. उर्दू के चाहने वाले हमेशा ही मुशायरों से जुडे रहते है. भले ही किसी भी भाषा में काम व शिक्षा प्राप्त करते हो. उन्होनें आगे कहा कि कुछ लोग अपने भाषणों के व्दारा देश में आग लगाने का काम कर रहे है. लेकिन यही शायर व कवि है जो उस आग को अपनी शायरी के माध्यम से पानी डाल कर बुझाने का कार्य करते है.

शाआदा तस्लीम ने जमाया रंग

कार्यक्रम की शुरूआत में शाआदा तस्लीम ने मुस्तफा-मुस्तफा, सबके गमख्वार वो….. नात पढ कर खुब रंग जमा कर वाहवाही लुटी. मंच पर उपस्थित मेहमानों ने पुष्पमाला पहनाकर व पुरस्कार देकर शाअदा को नवाजा.वही मुशायरे का संचालन कर रहे इरशाद अंजुम ने भी शाआदा की कला की खुब प्रशंसा की.

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