जिला बैंक में विपक्ष को लगा दूसरा बडा झटका
प्रकाश कालबांडे संचालक पद से अपात्र घोषित

* सहकार मंत्री का निर्णय, विभागीय सहनिबंधक का आदेश बरकरार
* सत्ता पक्ष के संचालक आनंद काले ने की थी शिकायत
अमरावती/दि.21 – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के विपक्षी संचालक कहां तो एक ओर बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू को पद से हटाने का प्रयास करते हुए उनके खिलाफ अयोग्यता का मामला चला रहे थे. लेकिन दो दिन पहले उस मामले की हवा निकल गई. जिसके चलते बैंक के विपक्षी संचालकों को पहला झटका लगा था. वहीं अब इसके दो दिन बाद ही विपक्षी संचालकों को दूसरा जबरदस्त झटका लगा है. जब विपक्षी गुट से वास्ता रखनेवाले प्रा. प्रकाश कालबांडे को सहकार मंत्री द्वारा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक पद हेतु अयोग्य व अपात्र घोषित कर दिया गया. सहकार मंत्री द्वारा इस संदर्भ में विभागीय सहनिबंधक के आदेश को बरकरार रखते हुए यह निर्णय दिए जाने से अमरावती के सहकार क्षेत्र में और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के विपक्षी खेमें में जबरदस्त हडकंप व सनसनी व्याप्त है.
बता दें कि, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक प्रकाश कालबांडे के खिलाफ बैंक के सत्ताधारी पक्ष से वास्ता रखनेवाले संचालक आनंद काले ने शिकायत दर्ज करते हुए उनकी सभासद सदस्यता को रद्द करने की मांग की थी. इस बारे में की गई शिकायत के मुताबिक महर्षि बापूसाहेब कालबांडे स्कूल कर्मचारी सहकारी पतसंस्था का सदस्य रहने के नाते प्रकाश कालबांडे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक पद का चुनाव लडने और संचालक बनने हेतु पात्र थे. जिसके चलते वे लंबे समय से जिला बैंक के संचालक पद का चुनाव लडते हुए संचालक निर्वाचित भी हो रहे थे. परंतु 30 सितंबर 2018 को प्रकाश कालबांडे अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हो गए और पतसंस्था के उपनियमानुसार कोई भी सेवानिवृत्त कर्मचारी संस्था का सदस्य नहीं रह सकता है. ऐसे में पतसंस्था की सदस्यता चले जाने के चलते प्रकाश कालबांडे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक पद के लिए भी अपात्र साबित होते है. इस मुद्दे को लेकर संचालक आनंद काले की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए विभागीय सहनिबंधक द्वारा प्रकाश कालबांडे के नाम अयोग्यता की नोटिस जारी की थी और मामले की सुनवाई पश्चात विगत फरवरी माह में आदेश जारी कर प्रकाश कालबांडे को जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक पद हेतु अपात्र भी घोषित किया था. जिसके बाद प्रकाश कालबांडे ने सहकारिता मंत्री के समक्ष मामला रखते हुए विभागीय सहनिबंधक के आदेश पर स्थगिती मिलने हेतु अपील दायर की थी. परंतु राज्य के सहकारिता मंत्री ने गत रोज इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए विभागीय सहनिबंधक के आदेश को बरकरार रखा. जिसके चलते प्रकाश कालबांडे जिला बैंक के संचालक पद पर बने रहने हेतु अयोग्य घोषित हो गए. इसे बैंक के विपक्षी खेमें के लिए काफी बडा झटका माना जा रहा है.
* ऑर्डर की कॉपी मिलने के बाद अगला कदम
इस संदर्भ में जानकारी एवं प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किए जाने पर प्रा. प्रकाश कालबांडे ने बताया कि, फिलहाल उन्हें सहकारिता मंत्री की ओर से जारी आदेश की प्रतिलिपी नहीं मिली है. जिसके चलते वे इस मामले में फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते है. साथ ही ऑर्डर की कॉपी मिलने के बाद उसके बारे में अपने विधि विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने के बाद वे अगला कदम उठाएंगे.