अमरावतीमहाराष्ट्र

अंजनगांव मंडी सभापति की अपात्रता का आदेश रद्द

अंजनगांव सुर्जी/दि. 5 – अंजनगांव सुर्जी कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सभापति एड. जयंत गुणवंत साबले के खिलाफ दायर याचिका के आधार पर जिला उपनिबंधक ने महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न बाजार समिति नियम 2017 की धार 10 (3) के अंतर्गत विगत 22 जनवरी को एड. जयंत साबले को सभापति पद हेतु अपात्र ठहराया था. जिला उपनिबंधक के इस फैसले को एड. साबले ने विभागीय सहनिबंधक के समक्ष चुनौती दी थी. इस अपील पर सोमवार 3 मार्च को हुई सुनवाई पश्चात विभागीय सहनिबंधक ने मंडी सभापति एड. जयंत साबले की अपात्रता के आदेश को रद्द कर दिया है.
अंजनगांव सुर्जी बाजार समिति में सहकार गुट की पूर्ण बहुमत के साथ एकछत्र सत्ता है, लेकिन इसके बावजूद विपक्षी गुट द्वारा सहकार गुट को घेरने हेतु विविध तरह की शिकायतें दर्ज कराई जा रही है. इसी के तहत फसल मंडी के पूर्व संचालकों ने जून 2024 में सभापति एड. साबले को महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न खरीदी-विक्री विकास व विनियमन अधिनियम 1963 के निर्वाचन नियम 2017 के नियम 10 (3) के अनुसार अपात्र घोषित करने हेतु जिला उपनिबंधक के पास एक याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई पश्चात 22 जनवरी को जिला उपनिबंधक ने अपात्रता का आदेश जारी किया था. जिसे चुनौती देते हुए एड. साबले ने विभागीय सहनिबंधक के पास याचिका दायर की, तो 5 फरवरी को अपात्रता आदेश पर अंतरिम स्थगनादेश प्राप्त हुआ है. जिस पर विपक्षी गुट द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर स्थगनादेश को खारिज करने की मांग की गई. पश्चात हाईकोर्ट ने 11 फरवरी को आदेश जारी कर विभागीय सहनिबंधक को 25 फरवरी तक इस मामले का निपटारा करने का निर्देश जारी किया और निर्देश का पालन नहीं होने पर याचिकाकर्ता को नए सिरे से अपील दायर करने की सुविधा प्रदान की. परंतु याचिकाकर्ता प्रदीप गोमासे ने अपात्रता मामले के मुद्दा क्रमांक 2, 3 व 4 को छोडकर अन्य मुद्दों को विभागीय सहनिबंधक के पास पहले ही चुनौती दी थी. ऐसे में विभागीय सहनिबंधक ने दोनों अपिलों पर 27 फरवरी को सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करते हुए जिला उपनिबंधक द्वारा 22 जनवरी को जारी अपात्रता के आदेश को रद्द कर दिया. विभागीय सहनिबंधक प्रवीण फडणीस के समक्ष हुई सुनवाई में सभापति साबले की ओर से एड. सतीश गट्टानी तथा बाजार समिति की ओर से एड. विवेक काले ने पैरवी की.
* दूध का दूध, पानी का पानी हुआ
हमने बाजार समिति में इससे पहले हुए अपहार को खोजने का काम शुरु किया था. जिसमें बाधा पहुंचाने हेतु विपक्ष द्वारा असफल प्रयास किया गया. हमारे संचालक मंडल द्वारा कोई गलत काम नहीं किया गया है. जिसके चलते हमे पूरा भरोसा था कि, अंत में सत्य की ही जीत होगी.
– एड. जयंत साबले
सभापति, कृषि उत्पन्न बाजार समिति, अंजनगांव सुर्जी.

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