अमरावतीविदर्भ

खेतमाल व्यापार स्वतंत्रता देने वाले अध्यादेश को शेतकरी संगठना का समर्थन

तहसीलदार को ज्ञापन सौंपेंगे

विरोधी शक्तियों के दबाव में किसान के न आने का आह्वान

प्रतिनिधि/ दि.२०

अमरावती – खेतमाल व्यापारी सुधार संबंधित केंद्र शासन ने पारित किये अध्यादेश को समर्थन देने के लिए शेतकरी संगठना राज्यभर के तहसील कार्यालय में समर्थन का ज्ञापन सौंपेंगे. स्वतंत्रता विरोधी शक्ति के दबाव में न आये, अध्यादेश पीछे न ले, ऐसे ज्ञापन के माध्यम से शासन से विनंती की जाएगी, ऐसी जानकारी संगठना के अध्यक्ष अनिल धनवट ने दी है.

५ जून २०२० को केंद्र शासन ने खेतमाल व्यापार अधिक खुला करने के लिए तीन अध्यादेश पारित किये है. कृषि उपज बाजार समिति की मनमानी समाप्त कर कही भी खेतमाल खरीदी बिक्री की सुविधा दी गई है. एक देश, एक बाजार इस कार्यक्रम अंतर्गत ऑनलाइन व्यापार को गति दी गई है. अनाज, दाल, तिलहन, आलु, प्याज जरुरी वस्तुओं को कानून रुप से अलग किया है व करार खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. कई दशक से किसानों के पैर की बेडियां तोडने की शुरुआत होने से किसान संगठना, यह सरकार उचित दिशा में कदम बढा रही है, यह मानती है. मार्केट सेस रद्द होने के कारण सीधे किसान के घर से व खेत से खरीदी होगी. किसान खूद अपने माल का भाव बतायेगा, व्यापारी उसके खर्च से माल लेकर जाएगा, किसान, व्यापारी व ग्राहक का इसमें लाभ है.

कई वस्तु कानून से खेतमाल अलग करने से कारण दरवृध्दि हुई तो विभिन्न निर्बंध लादकर भाव किराने की सरकार की क्षमता समाप्त हो जाएगी, इसके कारण निर्यात व खेत माल प्रक्रिया उद्योग में वृध्दि होगी. करार खेती को प्राकृतिक स्वरुप मिलेगा. किसान को अपने माल को निश्चित दर से खरीददार मिलेंगे और ग्रामीण क्षेत्र में प्रक्रिया उद्योग रहने के कारण भारी प्रमाण रोजगार निर्माण हो सकते है. यह सीधे लाभ किसान, व्यापारी व ग्राहको के मिलेंगे, इसलिए शेतकरी संगठना इस अध्यादेश का समर्थन कर रहा है. पिछले ४० वर्षों से किसान संगठना खेती व्यवसाय को खुला करने की मांग कर रही है. इस बारे में २४ अगस्त को राज्यभर के तहसील कार्यालय में शेतकरी संगठना के प्रमुख कार्यकर्ता तहसीलदार को ज्ञापन सौंपेंगे, ऐसी जानकारी संगठना के अध्यक्ष अनिल धनवट ने जारी पत्र के माध्यम से सौंपी है.

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