मनपा के सभी प्रोजेक्ट की रफ्तार सुस्त
प्रकल्प अभियंताओं के काम पर लग रहे सवालिया निशान
* आयुक्त द्वारा ध्यान दिये जाने की जरुरत, केंद्र व राज्य की निधि के प्रकल्प अधूरे
अमरावती /दि.11– महानगरपालिका के अख्तियार के तहत केंद्र व राज्य सरकार की निधि से विविध प्रकल्प साकार किये जा रहे है. परंतु एक भी विकास प्रकल्प के पूर्ण नहीं होने के चलते यह मुद्दा विधायकों द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में जमकर गूंजा. जिसके चलते जहां एक ओर संबंधित प्रकल्पों के अभियंताओं के कामकाज पर सवालिया निशान उठाये जा रहे है. वहीं यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि, इन अधूरे प्रकल्पों को पूरा करने के लिए आयुक्त सचिन कलंत्रे द्वारा आखिर कब ध्यान दिया जाएगा.
बता दें कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में इस समय करीब 15 से अधिक प्रकल्प मंजूर है. जिसमें से कई प्रकल्पों की निविदा प्रक्रिया पूरी होकर काम भी शुरु हो गया है. परंतु इन प्रकल्पों का काम बेहद सुस्त रफ्तार से चलने की बात विगत सप्ताह विधायक सुलभा खोडके व विधायक रवि राणा द्वारा मनपा में बुलाई गई समीक्षा बैठक में सामने आयी. जिसके चलते दोनों विधायकों ने मनपा प्रशासन को लेकर अपनी नाराजगी जतायी. राज्य सरकार से प्राप्त करोडों रुपए की निधि के जरिए मनपा क्षेत्र में विविध प्रकल्प साकार किये जा रहे है. परंतु इस काम के लिए नियुक्त प्रकल्प अभियंताओं के लापरवाह व मनमाने कामकाज तथा व्यक्तिगत हित संबंधों के चलते इन प्रकल्पों का काम सुस्त रफ्तार से चलने की बात दोनों विधायकों ने मनपा प्रशासन के ध्यान में लाकर दी. जिसके उपरान्त खुद आयुक्त ने भी निर्माण विभाग के कामों की समीक्षा की और आयुक्त ने भी प्रकल्पों के कामों को लेकर अपनी तीव्र नाराजगी जतायी. लेकिन इसके बावजूद प्रकल्पों को पूर्ण करने हेतु किसी भी तरह की ठोस उपाय योजना नहीं की जा रही. इसके पीछे आखिर कौनसी वजहें है, यह आने वाले समय में निश्चित तौर पर स्पष्ट होगा.
* इन प्रकल्पों का काम पडा है अधूरा
– सुकली कंपोस्ट बायोमायनिंग प्रकल्प.
– अमरावती व बडनेरा शहर के चौराहों का सौंदर्यीकरण.
– बडनेरा मार्ग पर फायर स्टेशन का निर्माण.
– कोंडेश्वर मार्ग पर फिश हब प्रकल्प.
– सुकली कंपोस्ट डिपो में विंडो प्लेटफार्म शेड का निर्माण.
– बायोगैस प्रकल्प की स्थापना व ईटीपी का निर्माण.
– मनपा मुख्यालय में संगणक विभाग व सभापति कक्ष का नुतनीकरण.
– वालकट कम्पाउंड में फायर स्टेशन की दुरुस्ती.
– छोटे व बडे जानवरों की मृत्यु होने पर दहन प्रक्रिया हेतु दहन केंद्र का निर्माण.
– आवारा कुत्तों का निर्बिजीकरण व सेल्टर हाउस का निर्माण.