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बालगृह की छात्राओं के कलाकृति प्रदर्शन का पालकमंत्री ने किया शुभारंभ

अनाथ बच्चों को ५ लाख रुपयों के फिक्स्ड डिपॉजीटवाले प्रमाणपत्र वितरित

अमरावती/दि.३१-सुधारगृह और बालगृह की लडकियों ने प्रशिक्षण लेकर कल्पकता और मेहनत के बलबूते सुंदर कलात्मक वस्तूएं तैयार की है. इन बच्चों की कुशलता को बढावा देने, मानसिक बल व सकारात्मकता बढाने के लिए इस प्रदर्शनी का प्रायोगिक तत्व पर आयोजन किया गया है. अगले सालय यह उपक्रम बडे पैमाने पर चलाया जाएगा व इसी द़ृष्टी से राज्यस्तर पर नीतियां भी तय की जाएगी. इस आशय का प्रतिपादन राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने व्यक्त किया.
वे शासकीय लड़कियों के निरीक्षणगृह व बालगृह में छात्राओं ने हस्तकला द्वारा तैयार किए गए बेहतरीन वस्तूओं की प्रदर्शनी व बिक्री प्रदर्शन के शुभारंभ अवसर पर बोल रही थीं. यह कार्यक्रम बचत भवन में रविवार को हुआ.
इस अवसर पर जिला परिषद महिला व बालकल्याण सभापति पूजा आमले, अपर जिलाधिकारी रामदास सिध्दभट्टी, महिला व बालविकास उपायुक्त शिंगणे, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलास घोडके, पालकमंत्री के ओएसडी प्रमोद कापडे, बालविकास प्रकल्प अधिकारी राजश्री कोलखेडे, अतुल भडंगे, दिलीप काले, विधि अधिकारी सीमा भाकरे, अनिरूद्ध पाटिल आदि उपस्थित थे.
जिले में कोविड-१९ से दोनों पालकों की मृत्यु हो चुके १० अनाथ बच्चों को प्रत्येक ५-५ लाख रुपयों के फिक्स डिपॉजीटवाले प्रमाणपत्र वितरित किए गए. महिला व बालविकास मंत्री ठाकुर ने कहा कि निरीक्षणगृह और बालगृह में बच्चों की कुशलता को बढावा देने के लिए विविध उपक्रम चलाए जा रहे है. इनमें बच्चों को सप्ताह में एकबारगी खुले माहौल का अनुभव मिल सके इसके लिए सुरक्षितता व मैदान, बगीचे आदि सुविधाएं रहनेवाले सीआरपीएफ जैसे कैम्पस में भेंट दिलाने का उपक्रम शुरू करने का विचार किया जारहा है. महिला व बालविकास विभाग की ओर से जिले में महिला व बालविकास भवन शुरू किया गया है. वर्किंग वुमन होस्टल शुरू किया जा रहा है. महिला नागरिकों की सुविधा के लिए महिला आयोग व बालहक्क आयोग का कार्यालय विभागीय आयुक्तालय की इमारत में स्थलांतरित करने के निर्देश दिए.
शिंगणे ने कहा कि राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एड. ठाकुर की संकल्पना से प्रायोगिक तत्व पर यहां के निरीक्षणगृह व बालगृह में छात्राओं के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट के दो माह का प्रशिक्षण लिया गया.

५३ योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन
कोविड दौर में ४०० बच्चों को अब तक पांच लाख रुपयों का निधि दिया गया है. कोविड काल में विधवा होनेवाली महिलाओं को विविध योजनाओं का लाभ दिया गया. मंत्री ठाकुर के नेतृत्व में मिशन वात्सल्य जैसी योजनाएं चलायी जा रही है. महिला व बालविकास विभाग की ५३ योजनाओं का पुर्नमूल्यांकन किया जा रहा है और आवश्यक निधि भी प्राप्त होने की जानकारी पाटिल ने दी. प्रदर्शनी में दीपावली के लिए सजावट के अनेकविध वस्तूओं का समावेश किया गया है.

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