अमरावतीविदर्भ

पशुपालक को टायगर प्रोजेक्ट के वन कर्मी ने बेदम पिटा

जंगल में १५ भैस चराते हुए पकडा

  • एसटीपीएफ व्दारा पुलिस थाने में शिकायत

धारणी – बिच्छुखेडा गांव के पकडे गए पालतू मवेशियों की निलामी करते समय धारणी के पास स्थित सावरिया ढाकणा निवासी राजू येवले जंगल में अवैध तरीके से भैस चरा रहा था, ऐसे आरोप में भैसे जप्त की गई और एसटीपीएफ के जवानों नो पशू पालक को बेदम पिटा. मेलघाट में फिर टायगर प्रोजेक्ट के खिलाफ नागरिक ऐसा विवाद शुरु होने का श्रीगणेशा हुआ है. इस मामले में धारणी के पुलिस ने अपराध कायम किया है.

धारणी से २५ किलोमीटर दूर गुगामल वन्यजीव विभाग के ढाकणा रेंज स्थित वनखंड क्रमांक ८४३ के जंगल में टायगर संरक्षण दल के ५ से ६ जवानों ने राजू नारायण येवले को लाठी से बेदम पिटा. यह घटना २९ अगस्त को घटी. इसकी ३० अगस्त को धारणी पुलिस थाने में शिकायत दी गई. राजू की मेडिकल जांच की गई. राजू अपनी भैसों के साथ जंगल में मवेशियों की देखरेख कर रहा था. जानकारी के अनुसार धांडे, वसू और चिलाटे समेत अन्य कर्मचारियों ने अचानक पिटाई करते हुए भैस जप्त कर ढाकणा विश्रामगृह परिसर में कब्जे में रखी. जिससे सावरिया स्थित पशुपालकों में गुस्सा देखकर धारणी पुलिस थाने में शिकायत दी गई. जामाटी वाडी के पाटी नाम का जंगल सावरिया गांव के पास है. यहां चराई के लिए व्यवस्था है मगर टागर प्रोजेक्ट के जवान मना करते है, ऐसा आरोप लगाया, दूसरी ओर एच.चौधरी ने ८४२ व घटनास्थल का वन आरक्षित प्रतिबंधित जंगल होने का दावा किया है.

जानकारी के अनुसार ३० अगस्त को मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने भेेंट देकर इस मामले की नागरिकों से जानकारी ली. बिच्छुखेडा की घटना के बाद साखरिया का मामला होने से दोनों घटना के बारे में विधायक पटेल ने उच्च स्तर पर बात कर रास्ता निकालने का प्रयाय किया है. इस बारे में वन्यजीव परिक्षेत्राधिकारी हिरालाल चौधरी के नेतृत्व में एसटीपीएफ जंगल के जवान ने धारणी पुलिस के सामने अपनी बात रखते हुए शिकायत दी. जानकारी के अनुसार ढाकणा रेंजर की ओर से जुर्माना लेने के बाद भैसों को मुक्त किया गया. इस मामले में धारणी में पशुपालकों के नेता ने एक विशेष बैठक लेकर इस बारे में रुपरेखा तैयार की है. समाजक्रांती आघाडी के डॉ.मुकुंद खेरे के नेतृत्व में इस ढाकणा क्षेत्र में कई आंदोलन किये गए थे. राजकुमार पटेल ने भी टायगर के खिलाफ कई बार इस क्षेत्र में आदिवासी व गवली समाज का सहयोग किया है. टायगर प्रोजेक्ट ओैर नागरिकों के बीच फिर से संघर्ष शुुरु होने की बात इस मामले से दिखाई दें रही है.

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