अमरावती

जून माह से बदलेगा महाविद्यालयों का पैटर्न

नई शैक्षणिक नीति के चलते हो सकता है बदलाव

* विद्यापीठ में बदलाव को लेकर अब तक कोई तैयारी नहीं
* विद्यार्थी भी बदलाव की जानकारी से पूरी तरह अनभिज्ञ
अमरावती/दि.30 – केंद्र सरकार द्बारा नई राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति को लागू किया गया. जिस पर राज्य में आगामी शैक्षणिक सत्र से अमल किया जाएगा. जिसके चलते अमरावती विद्यापीठ में जून 2023 से जिले के 115 महाविद्यालयों में नई शैक्षणिक नीति पर अमल करने के निर्देश दिए है. जिसके चलते आगामी जून माह से सभी महाविद्यालयों का पैटर्न बदलना अपेक्षित है. परंतु अब तक इसे लेकर आवश्यक तैयारियां ही नहीं हुई है. साथ ही सभी विद्यार्थी भी आगामी शैक्षणिक सत्र से होने जा रहे बदलावों की जानकारी को लेकर अनभिज्ञ है.
बता दें कि, नई शैक्षणिक नीति में विद्यार्थियों को परंपरागत पाठ्यक्रम के साथ ही अन्य शिक्षा प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध रहेगा. नई शैक्षणिक नीति पर अमल हेतु राज्य सरकार ने राज्य स्तर पर सुकानु समिति गठित की है. इस समिति में राज्य के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व शिक्षा आयुक्त सहित 32 शिक्षा विशेषज्ञों का समावेश है. आगामी शैक्षणिक सत्र से नई शैक्षणिक नीति पर राज्य में चरणबद्ध तरीके से अमल किया जाएगा. जिस पर नियंत्रण और मार्गदर्शन के काम समिति द्बारा किए जाएंगे. इसके तहत पाठ्यक्रमों का प्रारुप, पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तकों की निर्मिति, ई-साहित्य निर्मिति व मूल्यमापन प्रक्रिया आदि कामों का समावेश रहेगा. इसके साथ ही इस शैक्षणिक नीति में मूलभूत स्तर, शालेय शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण व पौढ शिक्षा का समावेश भी किया गया है.

* क्या होगा महाविद्यालयीन शिक्षा में बदलाव?
– ग्रामीण महाविद्यालयों के खत्म होने का भय
इससे पहले एमसीवीसी नामक कौशल्य पाठ्यक्रम चलाया जाता था. जिसे फिलहाल बंद कर दिया गया है. कौशल्य के नाम पर दी जाने वाली उच्च शिक्षा अब आर्थिक रुप से संपन्न रहने वाले लोगों की ही पहुंच में रहेगी. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालयों के खत्म होने का खतरा है.
– पूरी तरह अमल असंभव
विद्यापीठ में नई शैक्षणिक नीति के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार नहीं है. विद्बत परिषद का गठन नहीं हुआ है और परीक्षा मंडल का पता नहीं है. ऐसे में यद्यपि सरकार ने जून माह में राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति पर अमल के निर्देश जारी किए है. लेकिन अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत फिलहाल इस नीति पर अमल करना पूरी तरह से असंभव है.
– विद्या शाखा की पहचान होगी खत्म
नई शैक्षणिक नीति मेें किसी भी शाखा का विद्यार्थी किसी भी पाठ्यक्रम में शामिल विषय ले सकेगा. जिसके चलते कौन सा विद्यार्थी किस शाखा से वास्ता रखता है. यह पता करना थोडा मुश्किल रहेगा. जिसके चलते अलग-अलग संकायों की शाखा निहाय पहचान खत्म हो सकती है.

* विद्यापीठ व महाविद्यालय कितने तैयार?
सरकार की गाईड लाईन के अनुसार इस सत्र से नई शैक्षणिक नीति पर अमल करना संभव नहीं है. क्योंकि यद्यपि सीबीसीएस प्रणाली लागू की गई है. लेकिन फिर भी 70 फीस काम अब भी अपूर्ण है. स्किल बेस्ड परिपूर्ण पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए थोडा समय लगेगा.
– प्रा. डॉ. हेमंत देशमुख,
प्राचार्य, यादव देशमुख कला, वाणिज्य व विज्ञान महा., तिवसा

नई शैक्षणिक नीति को लेकर अलग-अलग विचार प्रवाह दिखाई दे रहे है, लेकिन इसे आज नहीं तो कल लागू करना ही पडेगा. इस बात के मद्देनजर हमने विद्यार्थियों में इसे लेकर जानकारी प्रसारित करनी शुरु कर दी है. जिसके तहत व्याख्यान व चर्चासत्र जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है. साथ ही विद्यार्थियों की आईडी भी तैयार की गई है.
– प्रा. डॉ. स्मिता देशमुख,
प्राचार्य, विमलाबाई देशमुख महाविद्यालय, अमरावती

महाविद्यालयों की तैयारियों को लेकर विद्यापीठ द्बारा कई प्रयोग किए जा चुके है. लेकिन व्यवहारिक तौर पर महाविद्यालयों की कोई तैयारी नहीं है. इससे पहले भी पूर्व तैयारी को लगभग लादा गया था. नई शैक्षणिक नीति से विद्यार्थी पूरी तरह अनभिज्ञ है और प्राध्यापकों को भी इस संदर्भ में प्रशिक्षित किया जाना बाकी है.
– प्रा. डॉ. अशोक पलवेकर,
प्राचार्य, महिला महाविद्यालय, चांदूर रेल्वे

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