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अपने ही घर में आग लगाने वाले को ढाई साल की सजा

अमरावती /दि.28- स्थानीय राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत नंदनवन कालोनी में रहने वाले नीलेश दामोदर खोंडे (43) को शराब के नशे में धूत होकर अपने ही घर में आग लगा देने के मामले में प्रथम जिला व सत्र न्यायाधीश ए. एच. लध्दड की अदालत ने 2 साल 5 महिने व 15 दिन की सजा सुनाई. आरोपी द्बारा न्यायाधीन बंदी के तौर पर जेल में बिताई गई अवधि को ही उसकी सजा के तौर पर ग्राह्य माना गया.
जानकारी के मुताबिक नीलेश खोंडे हमेशा ही शराब पीकर अपनी पत्नी व दोनों बच्चों को घर से बाहर निकाल दिया करता था तथा हमेशा ही उससे झगडा किया करता था. 12 मार्च 2021 को भी नीलेश खोंडे अपने घर पर शराब पीकर आया और रात 9 बजे अपनी पत्नी व बच्चों को से झगडा करते हुए उन्हें घर से निकाल दिया. जिसके चलते नीलेश की पत्नी ने पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई और वह अपने बच्चों को लेकर अपने पिता के घर चली गई. जहां पर रात 2 बजे के आसपास उसे किसी पडोसी ने फोन पर बताया कि, उसके घर में आग लगी हुई है और उसका पति नीलेश खोंडे घर में ही है. ऐसे में वह तुरंत दौडते भागते नंदनवन कालोनी परिसर स्थित अपने घर पहुंची. जहां पर नीलेश खोंडे ने कहा कि, मैने मेरे घर को आग लगाया है, तुझे क्या करना पडता. इस समय नीलेश की पत्नी ने तुरंत पुलिस व अग्निशमन दल को सूचित किया. जिसके बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया. लेकिन तब तक घर में रखे सभी साजो सामान और दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे. पश्चात राजापेठ पुलिस ने नीलेश खोंडे के खिलाफ भादंवि की धारा 336 व 504 के तहत अपराध दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार किया और अदालत में चार्जशीट पेश की. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील रणजित भेटालू ने 6 गवाहों को पेश करते हुए सफल युक्तिवाद किया. इस मामले में जांच अधिकारी के तौर पर राजापेठ पुलिस स्टेशन के पीएसआई गजानन काठेवाडे व एएसआई सतीश रायचंद तथा पैरवी अधिकारी के तौर पर एएसआई सुनील अवसरमोल व नापोकां अरुण हटवार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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