अमरावती

सावन के रंग त्योहारों के संग नाटिका ने मनमोहा

राजस्थानी हितकारक महिला मंडल का भव्य आयोजन

अमरावती- दि.22 स्थानीय रामदेव बाबा मंदिर के भव्य प्रांगण में सावन के रंग त्योहारों के संग इस नृत्य नाटिका का चालीस कलाकारों के साथ आयोजन किया गया.जिसकी चर्चा कर शहरवासियों ने काफी प्रशंसा की. इस समय देशभक्ति पर सुंदर नृत्य के साथ ही सावन की तीज पर मां गौरा की आराधना कर राजस्थान का प्रसिद्ध घूमर नृत्य मन को लुभा गया. वहीं राधा कृष्ण की आकर्षित वेश भूषा में महारास का विशेष आकर्षण करने वाला नृत्य सबको थिरकने से रोक नहीं पाया. इसके साथ ही तुलदान की नृत्य नाटिका सब के मन को खूब भाई. मानो साक्षात श्रीकृष्ण भगवान के साथ रुक्मिणी और सत्यभामा का संवाद एवं नृत्य सभी को स्तब्ध कर देनेवाला परफॉर्मेंस रहा. जिसमें नारदजी के वेशभूषा और विशेष एंट्री से प्रेक्षक अचंभित होकर देख रहे थे. नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय हो नंदलाल की नाचते गाते कान्हा का नंद उत्सव विशेष नृत्य शैली में सादर किया गया. जैसे कन्हैया बड़े होते हैं अपनी लिलाओं से सबको मोहित करते है ऐसे गोविंदा आला रि आला का सुंदर नृत्य बाल गोपाल और नन्ही गोपियों द्वारा प्रस्तुत किया गया.
राजस्थानी हितकारक महिला मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद नवनीत राणा ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कार्यक्रम का आनंद लिया एवं राजस्थानी हितकराक महिला मंडल द्वारा हर समय विशेष नवीनतम कार्यक्रम करने हेतु शुभकामनाएं दी. इस समय सखियों ने उनके साथ सेल्फी ली. कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध जम्मा गायक संगीता खंडेलवाल एवं सारिका पसारी ने किया. कार्यक्रम के दौरान आजादी के 75 वर्ष निमित्त सिर्फ 71 मिनट में हेल्दी जूस बनानेवाली पूर्णिमा सारडा का सत्कार किया गया. प्रसिद्ध भगवताचार्य सीमाजी चौबे की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में करीबन तीन सौ लोगों अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
कथा भगवान कृष्ण और सत्यभामा से जुड़ी हुई है. एक बार सत्यभामा ने कृष्ण पर अधिकार हेतु नारद को दान कर दिया. इसके बाद सत्यभामा को अपनी भूल का अहसास तब हुआ जब नारद अपने साथ श्रीकृष्ण को लेकर जाने लगे. सत्यभामा ने नारद से माफी मांगते हुए उनसे दान में कुछ और मांगने का विनय किया. नारद ने उनसे श्रीकृष्ण के भार के बराबर धन और अन्न मांगा. जब तराजू मंगवाकर भगवान के बराबर भार का सामान और संपत्ति रखी गयी तो कृष्ण का पलड़ा बिल्कुल भी ऊपर नहीं उठा किन्तु पूरी राज्य की सम्पत्ति समाप्त हो गई. इसके बाद सत्यभामा को जब समझ आया तो उन्होंने तुला के दूसरे पलड़े में एक तुलसी की पत्ती रख दी. इससे कृष्ण का भार दूसरी तुला के बराबर हो गया. इसके पश्चात कृष्ण ने बताया कि आज से तुलादान महादान के नाम से जाना जाएगा. इसे करने वाला व्यक्ति यश,सर्व सुख, वैभव और ऐश्वर्य का मालिक होगा. तभी से अनेक तरह के लोग इस दान को करते आ रहे हैं.
कार्यक्रम में सीमा चोरडिया, शिल्पा अग्रवाल, स्वीटी रावत, ललिता रावत, लीना शर्मा, प्रीती राठी,राजश्री अग्रवाल, भाग्यश्री डागा, लीला साबद्रा,श्रुति कलंत्री, संगीता खंडेलवाल, वैशाली जाजू,शिल्पा दवे, काजल सोमानी,चेतना करेसिया, नीकू लढ्ढा,शारदा सुरेका,प्रिती सुदा,उमा बंग,पूजा राठी,जया केला,प्रिती कलंत्री,रीना अग्रवाल, बबीता अग्रवाल, शिल्पा दवे, डॉ. ऐश्वर्या लाहोटी, डॉ.कीर्ती जाजू, तुलसी चांडक, नीकिता लढ्ढा, अंकिता डागा, अभिलाषा डागा, मनीषा भुतडा, रिधिमा राठी, हेमांश दवे, आरव कलंत्री, वैष्णवी दवे आदि उपस्थित थे.


 

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