शव को लावारिस मानकर अंतिम संस्कार करना पडा पुलिस पर भारी
संतप्त रिश्तेदारों का कोतवाली व बडनेरा थाने में हंगामा
* पुलिस आयुक्तालय पहुंचकर लगाई न्याय मिलने की गुहार
अमरावती/दि.1 – कोंडेश्वर परिसर के ईटभट्टी में विगत 23 दिसंबर को मृत पाये गये एक युवक के शव का पोस्टमार्टम कराते हुए शव को अगले 3 दिनों तक शिनाख्त हेतु शवागार में रखने के बाद बडनेरा पुलिस ने उसे लावारिस मानकर उसका अंतिम संस्कार करवा दिया था. लेकिन अब उक्त मृतक के परिजन सामने आ गये है. जिन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस ने उन्हें इस बारे में कोई सूचना ही नहीं दी थी. जबकि उन्होंने उक्त युवक के लापता होने के संदर्भ में कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसका सीधा मतलब है कि, दोनों थानों की पुलिस द्वारा आपस में कोई समन्वय नहीं रखा गया. यह आरोप लगाने के साथ ही मृतक के परिजनों ने शव अंतिम संस्कार हेतु वापिस दिलाने तथा मृतक के परिजनों को मुआवजा दिये जाने की मांग भी उठाई. अपनी इस मांग को लेकर बीती रात सिटी कोतवाली सहित बडनेरा पुलिस थाने में हंगाामा मचाने के साथ ही संतप्त परिजन आज दोपहर सीपी रेड्डी से मिलने शहर पुलिस आयुक्तालय पहुंचे. जहां पर उनकी शहर पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल सहित बडनेरा व सिटी कोतवाली के थानेदारों के साथ चर्चा भी हुई. इस समय पुलिस अधिकारियों ने तहसील प्रशासन के साथ मिलकर तमाम कानूनी कार्रवाई पूरी करते हुए संबंधित परिवार को मृतक के परिजनों को मृतक का शव वापिस दिलाने का आश्वासन दिया. बता दें कि, बडनेरा पुलिस ने मृतक को लावारिश मानकर उसके शव की अमरावती स्थित हिंदूस्मशान भूमि में दफनविधि करवाई थी. जहां से शव को बाहर निकालकर उसे उसके परिजनों के हवाले करने की प्रक्रिया आज दोपहर से शुरु की गई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार चवरेनगर निवासी प्रदीप अडांगे नामक युवक 22 दिसंबर को सब्जी लाने के लिए घर से बाहर निकला था. लेकिन पूरी रात घर नहीं लौटा इस कारण रिश्तेदारों ने उसके लापता होने की शिकायत 24 दिसंबर को कोतवाली थाने में दर्ज करवाई थी. लेकिन 22 दिसंबर को बडनेरा पुलिस को कोंडेश्वर टी-पाईंट के पास रात 8 बजे अज्ञात युवक का शव पडा रहने की जानकारी मिली. उन्होंने पंचनामा कर शव पोस्टमार्टम गृह में रखा. पश्चात बडनेरा पुलिस ने खोज पत्रिका तैयार कर इस बाबत सभी को जानकारी दी. लेकिन रिश्तेदार तक पुलिस नहीं पहुंची. 3 दिन बाद बडनेरा पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कर दफन विधि कर दी. दूसरी तरफ मृतक के रिश्तेदार उसकी तलाश में लगे थे. उन्होंने प्रदीप के फोटो के पाम्पलेंट तैयार कर शहर में जगह-जगह लगाए. साथ ही 31 दिसंबर को बडनेरा थाने में पाम्पलेंट बताकर पूछताछ की. तब प्रदीप की दुर्घटना में मृत्यु होने और 25 दिसंबर को उसकी दफन विधि करने की जानकारी दी गई. यह सुनते ही रिश्तेदार भौंचक्के रह गए. यह घटना प्रदीप की रिश्तेदारों समेत चवरेनगर के नागरिकों को मिलते ही उन्होंने बडनेरा व कोतवाली थाने में दौड लगाई और रोष व्यक्त किया. भारी हंगामे के कारण वातावरण तनावपूर्ण हो गया था. इस कारण आला अफसरों को भी पुलिस स्टेशन पहुंचना पडा. लापता रहने की शिकायत दर्ज रहने के बावजूद रिश्तेदारों को जानकारी क्यों नहीं दी गई, ऐसा रोष मृतक के परिजन व रिश्तेदारों में था. दफनाया गया शव बाहर निकालकर उसका अंतिम संस्कार करने की मांग रिश्तेदारों ने की, तब बडनेरा पुलिस ने सोमवार को उपविभागीय अधिकारी की अनुमति से शव बाहर निकालकर रिश्तेदारों को अंत्येष्टि के लिए सौंपने को मंजूरी दी. तब मामला शांत हुआ.
वहीं आज इस मामले को लेकर मृतक प्रदीप के परिजन व रिश्तेदार शहर पुलिस आयुक्तालय पहुंचे. जहां पर 100 से 150 लोगों का जमघट इकठ्ठा हो गया था. पश्चात डीसीपी सागर पाटिल, फ्रेजरपुरा के थानेदार गोरखनाथ जाधव, कोतवाली के थानेदार विजय वाकसे व बडनेरा के थानेदार नितिन मगर सहित पुलिस कल्याण के पीआई पुंडलिक मेश्राम ने संतप्त परिजनों के एक प्रतिनिधि मंडल से भेंट की. इस समय संतप्त परिजनों ने प्रदीप के शव का बिना परिजनों को सूचित किये लापरवाह तरीके से अंतिम संस्कार करवाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तुरंत ही उसके परिवार को दिखाये जाने की मांग उठाई. साथ ही इस समय मृतक के परिवार को हुई तकलीफो की एवज में परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा परिवार में से किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिये जाने की मांग भी उठाई है.