-
नुकसान पीडित किसानों को आर्थिक सहायता देने की मांग
-
जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन
अमरावती/दि. २९ – मौसम आधारित फसल बीमा योजना २०२०-२२ में नियम बदलने के कारण किसानों का होने वाला नुकसान और बिमा कंपनी को लाभ हो रहा है, ऐसा कहते हुए नियम में बदलाव किया जाए, महाविकास आघाडी सरकार फसल बीमा कंपनियों पर मेहरबान है, उनका लाभ कर रही है, यही राज्य सरकार की नीति है, ऐसा आरोप किसान मोर्चा भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र व पूर्व कृषिमंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने लगाया. नुकसान पीडित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाए, ऐसी मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया.
उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में मौसम आधारित फसल बीमा योजना पिछले कई वर्षों से कार्यरत है. परंतु इस वर्ष के आगामी ३ वर्ष के लिए इस योजना के नियम बदले है. ट्रीगल बदलने के कारण किसानों को फसल बीमा नहीं मिलेगा, इससे कंपनियों को लाभ होगा, ऐसा बदलाव शासन ने किया हेै. २०१९-२० में १ दिसंबर से १५ जनवरी इन ४५ दिन की समयावधि में लगातार ७ दिन कुल ३० मीमी या इससे अधिक बारिश होने पर बीमे की रकम देना था परंतु २०२० से यह समयावधि १ दिसंबर से ३१ दिसंबर याने केवल ३० दिन की गई. विदर्भ में जनवरी माह में बेमौसम बारिश अधिक होती है, परंतु उस काल के बीमा सुरक्षा को कंपनी ने नकार दिया. कम तापमान के लिए १६ जनवरी से २८ जनवरी यह समयावधि दी गई है. २०१९ में लगातार तीन दिन १२ से कम रकम देना था मगर २०२० से लगातार पांच दिन १० या उससे कम समयावधि में ८ हजार व लगातार सात दिन होने पर १२ हजार तथा आठ व उससे अधिक दिन रहे तो २० हजार रुपए रकम देना होता है, इसमें तापमान १२ से १० पर आया व समयावधि तीन दिन में ५ से १० दिन तक ले जाई गई तो शास्त्रज्ञों के अनुसार लगातार तीन दिन १२ से कम तापमान होने पर संतरे को भारी पैमाने में नुकसान होता है, परंतु इस नुकसान का बीमा दिया जाए, तापमान १२ से १० पर आ गया, समयावधि भी ३ दिन से १० दिन पर पहुंची. ज्यादा तापमान के लिए १ मार्च से ३१ मार्च लगातार ३ दिन ३१.०५ से अधिक तापमान हो तो ८ हजार, आठ दिन से अधिक हो तो २० हजार रुपए की रकम दी जाए, इस मांग के लिए भाजपा की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया. इस समय पूर्व कृषिमंत्री डॉ.अनिल बोंडे समेत ललित संदुरकर, किरण वाघमारे उपस्थित थे.