अमरावती

पीआर कार्ड के अभाव में गरीबों को घर मिलना बेहद कठीन

अनेकोें लोग अब तक लाभ से वंचित

  • पीएम आवास योजना में सामान्य गुट के लाभार्थी भी मर्यादित

  • योजनाओं का लाभ दिलाने गरीबों से ली जा रही दलाली

अमरावती/दि.4 – पीआर कार्ड के अभाव तथा अन्य कई तकनीकी दिक्कतों की वजह से गरीबों, विशेषकर सर्वसामान्य गुट के गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत तथा निधी के अभाव व अन्य तकनीकी दिक्कतोें के चलते रमाई आवास योजना अंतर्गत घर मिलना आसान नहीं रहा है. पीएम आवास योजना के लिए आवेदन करते समय पीआर कार्ड बेहद महत्वपूर्ण रहता है. सर्वसाधारण संवर्ग के गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले परिवारोें को यदि इस योजना के अंतर्गत घर चाहिए है, तो उन्हें पीआर कार्ड के अलावा अन्य कोई पर्याय नहीं है. लेकिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रहनेवाले गरीब नागरिकों के पास छोटी-मोटी दिक्कतोें की वजह से पीआर कार्ड ही नहीं है और इस संदर्भ में भुमि अभिलेख कार्यालय में बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद उनके हिस्से में निराशा ही आती है. ऐसे में फिलहाल गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले सर्वसामान्य नागरिक विभिन्न दिक्कतों से जूझते हुए नजर आ रहे है.
उल्लेखनीय है कि, इस संदर्भ में महानगरपालिका की आमसभा में प्रश्न उपस्थित किया गया था. कई लोगों ने घर मिलने हेतु मनपा के निर्माण विभाग के पास आवेदन किया था. किंतु उनके नाम प्रधानमंत्री आवास योजना व रमाई आवास योजना की सुची में विगत पांच से छह वर्षों से आये ही नहीं. कई लोगों को तो नये सिरे से अपने दस्तावेज देने पड रहे है. शहर में अब भी सैंकडों नागरिक गरीबी रेखा से नीचे रहते है. जिन्हें विभिन्न दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
वहीं दूसरी ओर जिन लोगों को घर मिले है, उन्हेें 15 दिन के भीतर दूसरी किश्त देने का नियम है. लेकिन ऐसे लोगों को छह-छह माह तक दूसरी किश्त की रकम प्राप्त नहीं हो रही है. ऐसे में उन्हें या तो खुले आसमान के नीचे रहना पड रहा है, या फिर किराये के घर में रहने के पैसे देने पड रहे है, क्योेंकि खुद उनके घर पर तो सिर छिपाने के लिए छत ही नहीं है. ऐसी स्थिति में ये सभी गरीब लोग दलालों के चंगुल में फंस जाते है और दलालों द्वारा उनका आर्थिक शोषण किया जाता है. ऐसा कई मनपा पार्षदों का कहना रहा.
इन तमाम बातों के मद्देनजर निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने इन समस्याओं को सुलझाने हेतु संबंधित अधिकारियों की प्रति सप्ताह बैठक लेने का आश्वासन दिया है. साथ ही रमाई आवास योजना के लाभार्थियों की समस्याओं को हल करने हेतु एक खिडकी योजना भी शुरू की गई है. इसी तरह पीएम आवास योजना का लाभ मिलने हेतु पीआर कार्ड की समस्या को हल करने भुमि अभिलेख विभाग के अधिकारियों की अब तक दो बार बैठक ली जा चुकी है. किंतु इससे कोई विशेष उपलब्धी हासिल नहीं हुई. हालांकि खुद महापौर ने भुमि अभिलेख अधिकारियों से कहा है कि, शहर में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले नागरिकोें को जल्द से जल्द पीआर कार्ड उपलब्ध कराया जाये. इस मामले में यदि कोई दिक्कत आती है, तो सभी जनप्रतिनिधि सरकार के पास जाने के लिए भी तैयार है. किंतु इससे पहले जिन इलाकोें में सर्वे होना बाकी है, वहां जल्द से जल्द सर्वेक्षण का काम पूरा किया जाना चाहिए.

निजी एजेन्सी के जरिये गरीबोें की लूट

पीएम आवास योजना व रमाई आवास योजना का लाभ दिलवाने हेतु गरीबों से कुछ लोगों द्वारा दलाली ली जाती है. ऐसा स्पष्ट आरोप मनपा के कई सदस्यों द्वारा आमसभा के दौरान लगाया जा चुका है. जिसमें कहा गया है कि, इस योजना को निजी एजेन्सी के जरिये अमल में लाया जा रहा है. ऐसे में लाभार्थियों के दस्तावेजों की तृटी दूर करते हुए उन्हें इस योजना का लाभ दिलाने हेतु बडे पैमाने पर दलाली ली जा रही है. जिस पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए.

दूसरी किश्त के पैसे रोके जा रहे

रमाई आवास योजना अंतर्गत सरकार की ओर से पूरी रकम आने के बावजूद भी लाभार्थियों को दूसरी किश्त की रकम अब तक प्राप्त नहीं हुई है. ऐसे में कई लोगोें ने अपने पैसे खर्च करते हुए छत का काम पूरा किया, क्योेंकि छत का काम अधूरा पडे रहने की वजह से बारिश के मौसम के दौरान कई लोगों को अपने ही प्लॉट पर जैसे-तैसे तंबू गाडकर रहना पडा. वहीं कुछ लोगोें ने किराये के घर लेकर पैसे खर्च किये. इसके अलावा उन्हें दूसरी किश्त के पैसे प्राप्त करने हेतु कई चक्कर भी काटने पडे. ऐसे आरोप भी मनपा पार्षदों द्वारा लगाये गये है. जिसके बाद निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने इस पुरे मामले को बेहद गंभीरतापूर्वक लेते हुए एक खिडकी योजना शुरू की है.

जनप्रतिनिधि के पास जाना अंतिम उपाय

गरीब से गरीब व्यक्ति का भी सपना होता है कि, उसका खुद का एक छोटासा घर हो. इसी बात के मद्देनजर पीएम आवास योजना, रमाई आवास योजना को शुरू किया गया, लेकिन कई तकनीकी दिक्कतों की वजह से लाभार्थियों को इन योजनाओें का लाभ नहीं मिल रहा है. इसमें भी यदि संबंधित अधिकारियों द्वारा काम नहीं किये जाते है, तो उनके पास जनप्रतिनिधियोें के पास जाने का अंतिम पर्याय ही शेष रहता है. जिनके द्वारा सरकार से नियमों व शर्तों को शिथिल करते हुए गरीबों को पीआर कार्ड उपलब्ध करवाने की मांग की जा रही है, ताकि शहर में गरीबों को उनका अधिकारपूर्ण घर मिल सके.

भुमि अभिलेख को पीआर कार्ड बनाने कहा है

शहर के गरीब नागरिकों के पास पीआर कार्ड नहीं रहने की वजह से वे प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य कई सरकारी योजनाओं से वंचित रहते है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने भुमि अभिलेख विभाग को इन नागरिकों के पीआर कार्ड बनाकर देने हेतु कहा है.
– चेतन गावंडे
महापौर, अमरावती.

पीएम आवास योजना के लिए पीआर कार्ड जरूरी

सरकार की ओर से चलायी जाती प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पीआर कार्ड बेहद आवश्यक है. वहीं रमाई आवास योजना के लाभार्थियोें को योजना का लाभ दिलाने हेतु एक खिडकी योजना शुरू की गई है.
– प्रशांत रोडे
आयुक्त, अमरावती मनपा

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