अमरावती/दि.28– महानगरपालिका के वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले के पद को राज्य सरकार की मान्यता ही नहीं रहने की जानकारी सामने आयी है. डॉ. काले की नियुक्ति हुए 5 वर्ष की अवधि बीत चुकी है और इस दौरान यहीं उनके पद को सरकारी मान्यता नहीं मिली है, तो उन्हें आज भी अस्थायी के तौर पर गिना जाता है, यह विशेष उल्लेखनीय है.
बता दें कि, वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी पद पर महानगरपालिका अधिनियम की धारा 45 के तहत नियुक्ति की जाती है. धारा 45 महानगरपालिका में शहर अभियंता वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी व नगर सचिव की नियुक्ति से संबंधित है. जिसके अनुसार डॉ. विशाल काले की नियुक्ति धारा 45 (1) के तहत हुई है और उनकी सेवा को 5 वर्ष पूर्ण होने पर इस नियुक्ति को धारा 45 (4) के तहत मान्यता मिलना अनिवार्य है. परंतु राज्य सरकार ने डॉ. काले की पद नियुक्ति को अपनी मान्यता प्रदान नहीं की है. जिसके चलते वे अस्थायी के तौर पर कार्यरत है. परंतु ऐसा रहने के बावजूद भी डॉ. विशाल काले ने महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम की धारा 45 का हवाला देते हुए अतिरिक्त आयुक्त पद की नियुक्ति में अन्याय होने की बात कहकर हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की है. जबकि हकीकत यह है कि, धारा 45 (4) के तहत सरकार द्वारा कायम करने के अधीन तथा जिस किसी अधिकारी की नियुक्ति को कायम करने से इंकार किया जाता है, उसे पद से हटा दिया जाता है.
* एमएचओ डॉ. विशाल काले की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार की मान्यता नहीं है. इस संदर्भ में फिलहाल मुझे कोई विशेष जानकारी नहीं है. कुछ समय पहले डॉ. काले के पद को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में मामला रहने की बात सुनी है. परंतु निश्चित तौर पर वह क्या मामला था. जिसकी जल्द ही जानकारी हासिल की जाएगी.
– सचिन कलंत्रे,
आयुक्त व प्रशासक, मनपा.