* सदस्या को अधिकार नहीं
* प्रदेश में भी यही हाल
अमरावती/दि.15- राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की अपील पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर महाराष्ट्र के सीएम, डीसीएम और उपभोक्ता मामलोें के मंत्री ने जोरशोर से की. मगर एक बडी सच्चाई आज उजागर हुई. अमरावती सहित 16 जिलों में उपभोक्ता मंच का अध्यक्ष पद रिक्त पडा है. जिसके कारण उपभोक्ताओं की शिकायत का काम ठप पडा है. अमरावती में गत 1 मार्च से कोई कामकाज नहीं हुआ. क्योंकि अध्यक्ष सुश्री उंटवाले का स्थानांतरण हो गया. वैसे भी वे प्रभारी थी. अमरावती में पूर्ण कालीक अध्यक्ष के रुप में आखिरी नियुक्ति सुदाम देशमुख की रही थी. उसके बाद 3 वर्षो से यह पद प्रभारी अध्यक्ष अथवा रिक्त रहा है. उपभोक्ता मामलों से जुडे मामलों में यह जानकारी दी और बताया कि, अमरावती में सदस्य के रुप में नियुक्ति है. किंतु उन्हें कोई निर्णय करने के अधिकार नहीं होने से मामला ठप पडा है.
उल्लेखनीय है कि 15 मार्च को उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है. ग्राहकों को कानून के दायरे में व्यापक अधिकार मिले है. जिसमें कोई साधन अथवा सेवा में त्रुटि रहने पर वह मंच में गुहार लगा सकता है. अमरावती में प्राचार्य अजय गाडे ने उपभोक्ता अभियान को गति दी थी. जिलाधिकारी कार्यालय में ही उपभोक्ता मंच का न्यायालय है.
* इन जिलों में भी पद खाली
अमरावती के अलावा अकोला, बुलढाणा, नाशिक, नंदुरबार, धुले, सातारा, पुणे, मुंबई, औरंगाबाद , नांदेड, दक्षिण मुंबई जिला उपभोक्ता मंच को अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का इंतजार है. कुछ जिलों में अध्यक्ष कार्यरत है. किंतु उनके पास अन्य जिलों का भी प्रभार दिया गया है. जिससे कह सकते है कि उपभोक्ता आंदोलन को पलिता लगा है.
* क्या कहते हैं उपभोक्ता
कंझ्यूमर एडवोकेट असो. के उपाध्यक्ष ज्ञानराज संत ने कहा कि, उपभोक्ता मंच की शिकायतें प्रलंबित न होने देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ की जानी चाहिए. नए अध्यक्ष की नियुक्ति न होने तक अन्य जिलों के अध्यक्ष या अतिरिक्त अध्यक्ष के पास कामकाज दिया जाना चाहिए. जिससे मंच में सुनवाई ठप नहीं होगी. राज्य शासन को नियुक्तियों पर ध्यान देना चाहिए. संत के अनुसार समय पर उपभोक्ताओं को न्याय मिला तो ही वह न्याय कहलाता है.