अमरावती

गुरु का सानिध्य ही मनुष्य जीवन का सही दिशा देने में सहायक

आनंद महाराज के मुखारविंद से श्रीराम कथा

* मारूती व शंकर देवस्थान में आयोजन
अमरावती/दि.15-गुरु का सानिध्य ही मनुष्य जीवन का सही दिशा देने में सहायक होता है. गुरु ही जीवन को सही दिशा देने वाला आधार होता है. गुरुदीक्षा के बिना मनुष्य जीवन का जीवन पशुतुल्य होता है, यह विवेचन प.पू.आनंद महाराज ने किया. मारूति व शंकर देवस्थान बडनेरा में आनंद महाराज के मुखारविंद से श्रीराम चरित मानस कथा का आयोजन किया है.
कथा के प्रथम दिवस के प्रसंग में उन्होंने श्रोताओं को भगवान शिवजी व सती के प्रसंग को सुनाया. कथा के प्रथम दिवस पर गोस्वामी तुलसीदास के जीवन चरित्र के साथ याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद के माध्यम से कथा प्रारंभ की. पश्चात भगवान शिवजी व सती के प्रसंग को सुनाते हुए शिवजी द्वारा सती जी का त्याग करने का प्रसंग बताया. कथा प्रवचन के दौरान भजनों को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. भव्य आरती के साथ प्रथम दिवस की कथा का विश्राम किया गया. पश्चात प्रसाद का वितरण हुआ. कथा श्रवण करने सैकडों महिला-पुरुष भक्तगण उपस्थित थे. अधिक मास व सावन माह निमित्त बडनेरा के मारूति व शंकर मंदिर में इस भव्य-दिव्य श्रीराम कथा का आयोजन चल रहा है. आगामी 22 अगस्त क इस 9 दिवसीय संगीतमय श्रीराम चरित मानस कथा का भक्तगण लाभ लें, यह आह्वान आयोजकों ने किया है. कथा के दौरान नंदकिशोर राठी, सुदर्शन गांग, प्रकाश जोशी, राजेंद्र जाधव, ओमप्रकाश शर्मा, रमाकांत कुर्तकोटी, चंद्रकांत फुस्के, प्रदीप जैन, राजेश अग्रवाल, चतुर्भुज शिवप्रसाद, सुनील चौहान, राजेंद्र शिरभाते, नंदू काले, कैलाश जोशी, शनि जोशी, गौरीशंकर निमकरोडीवाल, अरूण कडू, हीरालाल सादिया, विजय जाधव, रामदास पाटणे, अंकुरण चव्हाण, मंगेश पवार, अजय जैसवाल, मुन्नासेठ अग्रवाल, प्रदीप रूनवाल, गोविंदा, सुनील चव्हाण, मनीष निमकरोडीवाल, राजू शिरभाते, मोनू सादिया, नारायण, प्रफुल्ल देवडा समेत अन्य उपस्थित थे.

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