अमरावतीमहाराष्ट्र

डीझल के बराबर चारे के दाम, बैलजोडी संभालना हुआ महंगा

कृषि यांत्रिकीकरण की ओर बढ रहे किसान

अमरावती /दि. 27– इन दिनों चारे की किल्लत के चलते पशु बाजारों में बडे पैमाने पर बैलजोडियां विक्री हेतु लाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर इस समय बैलजोडी की कीमत एक लाख रुपए से अधिक चल रही है. खेतों में प्रकृति की अनियमितता के चलते उत्पादन खर्च भी नहीं निकलता और चारे के दाम अब डीझल के बराबर हो गए है. जिसकी वजह से बैलजोडी को पालना महंगा सौदा साबित होने लगा है. ऐसे में अब कम मेहनत व कम पैसों में काम करने हेतु किसानों द्वारा कृषि यांत्रिकीकरण की ओर ध्यान दिया जा रहा है.
जिले में करीब 4 लाख किसान अल्पभूधारक है. जिनके लिए बैलजोडी को पालना व इस काम के लिए एक कामगार को रखने का खर्च महंगा पडने लगा है. साथ ही चारे की किल्लत की समस्या हर साल रहने के चलते किसान परेशान हो गए है. जिसके चलते किराए पर ट्रैक्टर मंगाकर खेतो में जुताई व बुआई के काम करने की ओर किसानों का रुझान बढ रहा है. गर्मी का मौसम शुरु होते ही चारे की किल्लत भी होने लगती है. ऐसे समय कुछ किसानों के पास चारे का स्टॉक जमा रहता है. वहीं ज्यादातर किसानों को ऐसे समय दिक्कतों का सामना करना पडता है. जिसके चलते कई किसान गर्मी का मौसम आते ही अपनी बैलजोडी को बेचने हेतु निकाल देते है और फिर बुआई के समय दुबारा बैलजोडी खरीद लेते है. इस समय बाजार में कडबे की पेंडी 25 से 30 रुपए की दर पर बिक रही है, साथ ही ढेप के दामों में भी अच्छी-खासी वृद्धि हो गई है.

* गेहूं व चने का कुटार नहीं मिल रहा
हार्वेस्टर की सहायता से गेहूं व चने की कटाई किए जाने पर उसका कुटार जानवरों के खाने योग्य नहीं रहता. साथ ही गर्मी के दिनों में हरा चारा भी उपलब्ध नहीं होता. ऐसे में जहां एक ओर कडबी के दाम बढ रहे वहीं ऐन गर्मी के मुंहाने पर चारे की किल्लत भी दिखाई दे रही है.

* मूर घास व मक्के की विक्री
इस समर मक्के के फसल की कटाई होने के चलते मक्के का चारा जानवरों के लिए उपलब्ध हो गया है. कुछ किसान मक्के की कटाई के बाद बचे कुटार की विक्री कर रहे है.

* बैलजोडी की बजाए पुराना ट्रैक्टर सस्ता
कीमत एवं चारे की किल्लत के चलते बैलजोडी को संभालना हाल-फिलहाल के दौर में मुश्कील और महंगा हो गया है. जिसकी तुलना में कोई पुराना ट्रैक्टर लेकर उससे खेती के काम करने की और किसानों का रुझान ज्यादा बढ रहा है.

* किसानों के तबले में मवेशियों की संख्या घटी
बढते खर्च की वजह से अब किसानों एवं पशुपालकों के आंगण व तबेले में मवेशियों की संख्या बढी तेजी के साथ घट गई है. जिसके चलते कई बार किसी काम के लिए किराए पर भी बैलजोडी नहीं मिलती है. वहीं दूसरी और इन दिनों पशु बाजार में बडे पैमाने पर बैलजोडियां विक्री के लिए आ रही है.

* एक ट्रॉली भूसा दो हजार रुपए में
गर्मी के सीझन दौरान चारे की किल्लत रहने के चलते इन दिनों कुट्टी, चुरी व भूसे के दाम भी अच्छे-खासे बढ गए है. जिसके लिए प्रति ट्रॉली करीब दो हजार रुपए अदा करना पडता है.

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