अमरावती/दि.13- रंग से गहरी लाल, आकार में स्ट्रॉबेरी के समान छोटी, बाहर से नर्म, कटिले आवरण वाली व स्वाद में मीठी लीची फल का मौसम शुरु हो गया है. ग्राहकों की ओर से लिची की मांग बढ़ी है. जिसके चलते इसके दाम में तेजी आयी है. बाजार में लिची प्रति किलो 150 से 200 रुपए में बेची जा रही है.
लिची फल का मौसम मई माह की शुरुआत में होता है. जुलाई तक यह मौसम शुरु रहता है. गत वर्ष की तुलना में इस बार देरी से मौसम शुरु हुआ है. फिलहाल अच्छे दर्जे की लिची की आवक शुरु होने के साथ ही आगामी कुछ दिनों में आवक और बढ़ेगी. फिलहाल लिची की मांग अधिक होने से बड़े पैमाने पर दाम में तेजी आयी है. आवक बढ़ने के बाद दाम और कम होंगे. यह जानकारी लिची विक्रेताओं ने दी. भारत में लिची का सर्वाधिक उत्पादन उत्तर भारत में लिया जाता है. महाराष्ट्र में जिन गिनेचुने भागों में इस फल की फसल होती है, उनमें पालघर जिले के घोलवड व बोर्डी का उल्लेख करना होगा. अत्यंत रसीली, ग्रीष्मकाल में जीभ को शीतलता देने वाला यह फल है. बाहर का कवच गुलाबी रंग का तो भीतर गुदा सफेद रसीला, मधुर व अर्धपारदर्शी. इस फल में कार्बोहायड्रेट, विटामिन ए, विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, पोटेशियम, कैल्शियम, मॅग्नेशियम,फॉस्फरस, आयर्न एवं मिनरल्स समान पोशक घटक होने से शरीर स्वस्थ रहने में मदद होती है. लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन न करने की सलाह तज्ञों द्वारा दी जाती है.
लिची यह शक्तिवर्धक,रक्ताभिसरण बढ़ाने वाला, रक्त से संबंधित विकार निकालने वाला फल है. इसमें के रासायनिक गुणधर्म पचनक्रिया संवर्धक व निद्रानाशमुक्त करने वाला है. इसमें पोटेशियम व तांबा यह खनिज बड़े पैमाने पर होने के कारण हृदयविकार एवं यकृत की बीमारी के लिए गुणकारी है. आहारतज्ञों का कहना है कि इसमें के ओलिगोनॉल रसायन के कारण सूर्य से आने वाली अतिनील किरणों से त्वचा की रक्षा होती है.