अमरावती/दि.11 – पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते रियल स्टेट के व्यवसायी संकट के दौर से गुजर रहे थे. किंतु अब पाबंदियां हटा देने के पश्चात इस व्यवसाय ने गति पकडी थी. किंतु निर्माण साहित्य के दामों में वृद्धी होने से अपने घर का सपना देख रहे आम नागरिकों का सपना पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा. निर्माण खर्च में 300 से 400 रुपए प्रति चौरस फुट की वृद्धी हुई है. जिससे अब घर लेना महंगा पडेगा. बढती महंगाई पर तत्काल रोक लगाने हेतु केंद्र तथा राज्य सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग क्रेडाई व्दारा की गई है.
सकल देश के अंतर्गत उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका उठाने वाले और अधिकाधिक रोजगार देने वाले क्षेत्र के रुप में निर्माण क्षेत्र को पहचाना जाता है. इसी तरह रोटी, कपडा और मकान की महत्वपूर्ण जरुरत में एक जरुरत मकान की रहती है. आर्थिक विकास में यह अत्याधिक भूमिका निभाता है किंतु कोरोना लॉकडाउन, निर्माण मजदूरों के स्थालातंर, पेट्रोल, डीजल की बढती किमतों के साथ-साथ स्टील व सीमेंट की भी किमतें बढने के कारण निर्माण कार्य खर्च महंगा हुआ है ऐसी जानकारी क्रेडाई के अध्यक्ष संजय पर्वतकर ने दी.
क्रेडाई अध्यक्ष संजय पर्वतकर की जानकारी के अनुसार सीमेंट की बैग 275 रुपए से 280 रुपए तक थी. किंतु अब 350 रुपए से 410 रुपए प्रति बैग हो चुकी है. स्टील पहले प्रति किलो 40 से 45 रुपए प्रति किलो था अब 60 से 70 रुपए प्रति किलो हो चुका है. डीजल की कीमत 60 रुपए से 102 रुपए हो चुकी है इसके अलावा गृह निर्माण में लगने वाली टाईल्स की किमतों में भी 20 से 30 फीसदी बढोतरी हुई है. गृहनिर्माण सामग्री की बढती हुई किमतों को लेकर सरकार ठोस कदम उठाए ऐसी मांग सरकार से क्रेडाई व्दारा की गई है.
किमतों में वृद्धी होने से सभी प्रकल्पों पर असर
निर्माण साहित्य की किमतों में अचानक वृद्धी होने से भवन निर्माताओं के सभी प्रकलपों पर इसका असर दिखाई दे रहा है. इतना ही नहीं आम जनता के घर खरीदने का सपना भी चूर-चूर होता दिखाई दे रहा है. इस बढती महंगाई को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकार तत्काल समुचित कदम उठाए ऐसी मांग के्रडाई के अध्यक्ष संजय पर्वतकर तथा सचिव रविंद्र गोरटे व्दारा की गई.