तेज धूप से हो रही ‘सनबर्न’ की समस्या

अमरावती/दि.26- इस समय आसमान से सूरज मानों आग उगल रहा है तथा तेज धूप में निकलने पर महसूस होता है, मानों त्वचा झुलस रही है. सूरज से निकलनेवाली अल्ट्रावाइलेट किरणों के संपर्क में आने की वजह से ‘सनबर्न’ होता है. जिसमें से पहली व दूसरी डिग्री वाले ‘सनबर्न’ का घर पर ही इलाज हो सकता है. परंतु बेहद दुर्लभ रहनेवाले तीसरी डिग्री का ‘सनबर्न’ काफी घातक साबित हो सकता है.
* 15 मिनट धूप में रहने से ‘सनबर्न’ का खतरा
दोपहर 12 बजे के बाद धूप की तीव्रता काफी अधिक रहती है. जब सूरज की किरणे अधिक तीव्रता के साथ शरीर से टकराती है, ऐसे समय यदि कोई भी व्यक्ति 15 मिनट से अधिक समय तक तेज धूप में रहता है तो उसे ‘सनबर्न’ होने की संभावना अधिक रहती है.
* क्या है ‘सनबर्न’ के लक्षण?
धूप में निकलने पर यदि त्वचा में झुलसने जैसा ऐहसास होता और उस स्थान पर कपडे से भी स्पर्श करने पर जलन व दर्द का ऐहसास बढता है, तो इसे ‘सनबर्न’ का लक्षण माना जाना चाहिए और तुरंत ही त्वचारोग विशेषज्ञ से सलाह ली जानी चाहिए.
* गिले कपडे का करें प्रयोग
धूप से झुलसी हुई त्वचा के ठीक होते समय उसे बाहर निकलते वक्त ढांककर रखना चाहिए, इस हेतु गिले कपडे का प्रयोग किया जा सकता है. साथ ही एंटीबायोटिक मलहम अथवा पेट्रोलियम जेली से भी राहत मिल सकती है.
* धूप में निकलते समय सनस्क्रिन लोशन, टोपी व गॉगल का प्रयोग जरुरी
‘सनबर्न’ का खतरा गोरे रंग की त्वचा वाले लोगों सहित छोटे बच्चों तथा ज्यादा समय तक धूप में काम करनेवाले लोगों को अधिक रहता है. धूप में निकलने से पहले त्वचा पर सनस्क्रिन लोशन का प्रयोग करने के साथ ही टोपी, गॉगल व सुती कपडे पहनना काफी जरुरी होता है. इसके अलावा सुबह 10 से दोपहर 4 बजे के दौरान जहां तक संभव हो, धूप में बाहर निकलना टाला जाना चाहिए. साथ ही भरपूर प्रमाण में पानी पिते हुए शरीर को हाईड्रेट रखा जाना चाहिए.
– डॉ. पल्लवी पवार
त्वचारोग विशेषज्ञ