अमरावती

विवाह में लडकी की निकाली घोडे पर शोभायात्रा

एकलौती बेटी को पुत्र मानकर व्यवसायीक ने दिया समानता का संदेश

अमरावती/दि.25 – बेटा-बेटी ऐसा भेंद हम नहीं पालते. बेटा होता तो भी विवाह के समय उसे घोडे पर बिठाकर शोभायात्रा निकालते, मगर मुझे पुत्र नहीं ऐसे समय हमने हमारी बेटी को ही बेटे की जगह देखा है. उसकी भी घोडे पर शानदार शोभायात्रा निकालने का तय किया था. शहर के दस्तुर नगर परिसर के जीवनज्योती कॉलोनी में रहने वाले प्रशांत देशमुख की अभियंता पुत्री का कल 26 मार्च को विवाह होने वाला है. इसके पहले गुरुवार की शाम देशमुख परिवार ने वधू की घोडे पर बाजे-गाजे के साथ शोभायात्रा निकाली, जो परिसर में आकर्षण का केंद्र रही.
प्रापर्टी व्यवसायी प्रशांत आनंदराव देशमुख की एकलौती बेटी वैष्णवी है. वैष्णवी ने अभियांत्रिकी पदवी ली है. उसका खामगांव के एक अभियंता युवक के साथ विवाह शनिवार को होने वाला है. इस बीच घोडे पर बैठने की वैष्णवी की इच्छा थी. पिता प्रशांत व मां शिल्पा ने भी बेटी में बेटा देखा. इस वजह से उन्होंने यह निर्णय लिया था. गुरुवार की शाम वैष्णवी निले रंग की नववारी में सफेद रंग के घोडे पर बैठकर घर से निकली. परिसर के कॉलोनी में बाजे-गाजे के साथ शोभायात्रा घुमाई गई. इस समय परिसर के नागरिकों ने यह नजारा देखने के लिए काफी भिड की थी. पहली बार दुल्हन को घोडेपर बैठा देखकर यह नजारा देखने के लिए सभी लोग घर से बाहर निकलकर देख रहे थे. इस समय आकर्षक रोशनाई भी की गई थी.

हमने इच्छा पूर्ण की

हमारा बेटा नहीं, इसके कारण हम बेटी को ही बेटा मानते है. इसी तरह विवाह के समय घोडे पर बैठने की बेटी और हमारी भी इच्छा थी. इसके कारण घोडेपर बेटी की शोभायात्रा निकालकर हमने इच्छा पूरी की.
– प्रशांत देशमुख, वधू के पिता

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