अमरावती

स्वर्ण जयंती वर्ष में शान से निकली सराफा की देवी की शोभायात्रा

पदाधिकारियों ने धारण की चूनरी की पगडी

ढोल-ताशे के निनाद में थिरके सभी
झांकियों ने भी बढाई जुलूस की शोभा
कार्यकर्ताओं में जय माता दी का गगन भेदी जोश
अमरावती/दि.26 – सराफा के सार्वजनिक नवदुर्गा महोत्सव मंडल की 50 वे वर्ष उपलक्ष्य शोभायात्रा आज दोपहर निकली, तो हर कोई देखते रह गया. इस अंदाज में गाजे-बाजे और चूनरी के साफे धारण किये मंडल के पदाधिकारी उत्साह से माता रानी के जुलूस में सहभागी हुए थे. उसी प्रकार पौराणिक पात्रों की झांकियां भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर गई. जबकि माँ अंबे की दिव्य प्रतिमा को विशेष वाहन पर सजाया गया था. जिसे देख हर कोई नतमस्तक हो गया.
ढोल पथक का निनाद
माता के जयकारें लगाते और एक-दूसरे को नवरात्रि पर्व की बधाई व शुभकामना देते सार्वजनिक मंडल के पदाधिकारी उल्लास से लबालब नजर आ रहे थे. ढोल पथक की ताल पर थिरकने का भी आनंद सभी ने लिया. यह मंडल वैज्ञानिक झांकियों के लिए जाना जाता है. उसी प्रकार उत्सव दौरान अनेक सेवाभावी कार्य भी मंडल और उसके पदाधिकारी करते है. जवाहर गेट के अंदर दोनों ही प्रमुख दुर्गोत्सव मंडल की रोशनाई और शान अनूठी रहती आयी है.
शोभायात्रा में दिग्गजों का सहभाग
आज की शोभायात्रा में सर्वश्री राजेंद्र भंसाली, गोविंद दायमा, महेंद्र भंसाली, पप्पू राठी, आशिष शर्मा, संजय पुरवार, मानेकर, मदन सोनी, बालकिसन डागा, भूपेंद्र ओझा, संजय शेरेकर, मनसुख डाबी, राठी, रितेश पांडे, किशोर गुरव, नीलेश चांडक, लालचंद भंसाली, विजय शेटे, रमेश पंचवटे, दिनेश बाहेती, श्रीप्रकाश झंवर, राजु पारेख, प्रवीण हरमकर, गोलु पाटील, सिमेश श्रॉफ, घनश्याम वर्मा, रंजन महाजन, दीपक डाबी, राजेन्द्र भंसाली, मोहन अग्रवाल, अखिलेश खडेकार आदि उमंग और उल्लास से सहभागी हुए. बता दें कि, सार्वजनिक दुर्गा मंडल की स्थापना 1972 में दामू पच्चीगर, खुशाल सिंह मुनोत, लालचंद भंसाली और अन्य ने की थी.

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