प्रहारियों ने नागपुर हाईवे पर किया चक्काजाम
मोझरी से आगे बाईपास पर अचानक शुरु हुआ रास्ता रोको आंदोलन

* दोनों ओर वाहनों की लगी लंबी-लंबी कतारें, काफी देर रुका रहा ट्रैफिक
* अचानक शुरु हुए आंदोलन की जानकारी मिलते ही पुलिस के हाथ-पांव फूले
* पुलिस ने जैसे-तैसे समझा-बुझाकर आंदोलनकारियों को किया शांत
* जमकर हुई सरकार विरोधी नारेबाजी, प्रहारी हुए उग्र
अमरावती/दि.12 – आज जहां एक ओर गुरुकुंज मोझरी में प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू के बेमुदत अनशन का पांचवां दिन रहा और यह अन्नत्याग आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था. वहीं दूसरी ओर बच्चू कडू की लगातार बिगडती तबियत और आंदोलन के पांचवें दिन भी किसान कर्जमाफी के मुद्दे का कोई हल नहीं निकलता देख अनशन स्थल पर मौजूद प्रहार पार्टी के कई पदाधिकारी एवं किसान भडककर उग्र हो गए तथा उन्होंने अचानक ही मोझरी से आगे नागपुर रोड पर बाईपास पॉइंट के निकट रास्ता रोको आंदोलन करना शुरु कर दिया. अचानक शुरु हुए इस आंदोलन की जानकारी मिलते ही गुरुकुंज में अनशन स्थल पर कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने हेतु तैनात पुलिस कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए तथा आनन-फानन में पुलिस एवं क्यूआरटी पथक के दो दलों को मोझरी बाईपास पॉइंट पर भेजकर पुलिस अधिकारियों ने रास्ता रोको आंदोलन कर रहे प्रहारियों को समझा-बुझाकर शांत किया. जिसके चलते करीब एक घंटे बाद मोझरी बाईपास पर यातायात सुचारु हो पाया. इस समय तक इस रास्ते के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लग गई थी.
खास बात यह रही कि, जिस समय राकांपा विधायक रोहित पवार अपना भाषण खत्म करते हुए अनशन मंडप में मौजूद अन्य अनशनकारियों से मुलाकात कर रहे थे तभी मंच से घोषणा की गई कि, मोझरी बाईपास पॉइंट पर करीब 20 से 25 महिलाओं द्वारा रास्ता रोको आंदोलन करना शुरु कर दिया गया है. अत: अनशन स्थल पर मौजूद सभी लोग अधिक से अधिक संख्या में मोझरी बाईपास पॉइंट पर पहुंचे, यह सुनते ही अनशन स्थल से प्रहार पदाधिकारियों एवं किसानों के बडे-बडे जत्थे तुरंत ही मोझरी बाईपास पॉइंट के लिए रवाना हुए और वहां पहुंचकर सभी ने दोनों ओर की सडकों पर कब्जा कर रास्ता रोको आंदोलन करना शुरु कर दिया. जिसके चलते मोझरी बाईपास पर सरकारी व निजी बसों सहित मालवाहक ट्रकों एवं यात्री वाहनों सहित दुपहिया वाहनों की देखते ही देखते लंबी-लंबी कतारे लग गई. इस समय संतप्त आंदोलनकारियों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए तीव्र प्रदर्शन किया गया. जिसकी जानकारी मिलते ही पुलिस के दो दल तुरंत ही मौके पर पहुंचे. इस समय बंदोबस्त में तैनात पुलिस अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराते हुए हालात को नियंत्रित करने के प्रयास शुरु किए. जिसके तहत सभी आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर शांत किया गया और उन्हें रास्ते से हटाया गया. जिसके बाद यह रास्ता रोको आंदोलन खत्म हुआ और दोनों ओर का यातायात एक बार फिर सुचारु हो पाया.