श्री क्षेत्र ऋणमोचन में दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
भगवान मुदगलेश्वर का जलाभिषेक, रथसप्तमी तक रहेगा यात्रोत्सव
भातकुली /दि. १८-विदर्भ सहित राज्य के लाखों श्रद्धालुओं का श्रद्धास्थान रहनेवाले श्रीक्षेत्र ऋणमोचन में पौष महिने के रविवार को दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. इस बार यात्रा दौरान पूर्णा नदी में जलसंग्रह उपलब्ध रहने से श्रद्धालुओं को यहां पर स्नान करने की समस्या निर्माण नहीं हुई. सुबह स्नान कर श्रद्धालुओं ने श्री मुदगलेश्वर का जलाभिषेक किया. सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बेलपत्र अर्पित कर दर्शन का लाभ लिया. रथसप्तमी तक यह यात्रोत्सव शुरु रहेगा. भातकुली तहसील के श्रीक्षेत्र ऋणमोचन में मुदगलेश्वर देवस्थान है. कर्मयोगी संत गाडगे बाबा ने गृहत्याग के बाद सच्चे सेवा कार्य की शुरुआत ऋणमोचन से ही की थी. पूर्णा नदी के तट पर बसा श्रीक्षेत्र ऋणमोचन विदर्भ सहित राज्य के लाखों भक्तों का आस्थास्थल है.
गाडगे बाबा ने दिया स्वच्छता का मंत्र
ऋणमोचन यात्रा के दौरान परिसर में गंदगी का अंबार दिखाई देता था. गाडगे बाबा ने गंदगी हटाकर सभी को स्वच्छता का संदेश दिया. इसके बाद अच्युतराव उर्फ दादासाहेब देशमुख ने दान की परंपरा कायम रखी. यह परंपरा आज भी गाडगे बाबा मिशन के बापूसाहब देशमुख की अगुवाई में और राज्य के दानदाताओं की मदद से अखंड शुरु है.
ऋणमुक्ति के लिए ही ऋणमोचन
प्राचीन काल में यहां पर घना जंगल था, ऐसा पुराणों में उल्लेख है. निसर्गरम्य परिसर रहने से यहां पर मुदगल ऋषि ने श्रीगणेश स्तुति लिखी थी, ऐसा कहा जाता है. पौराणिक ग्रंथों में इसका उल्लेख भी है. हर व्यक्ति पर मातृऋण, पितृऋण होता है, ऋणुमुक्ति के लिए यहां की पूर्णा नदी में स्नान कर गिले वस्त्र से व पारंपरिक पद्धति से भगवान मुद्गलेश्वर का जलाभिषेक कर बिल्व पत्र अर्पित कर पूजा अर्चना करने की श्रद्धा है. नेत्रहीन, दिव्यांग, वृद्ध, निराधारों को वस्त्रदान व मिष्ठान्न देकर सही मायने में समाजऋण चुकाने का व्रत यहां साकार होता है, ऐसी मान्यता है.
यात्रा महोत्सव में उमड़ती है भीड़
हर साल यहां पर यात्रा महोत्सव में श्रद्धालुओं की भीड़ उमडती है. सैकड़ो भक्तजन आज भी बैलगाडी से आते है. गोबर से बने उपले पर रोडगा व संपूर्ण स्वादिष्ट भोजन पकाया जाता है और भगवान मुदगलेश्वर को नैवेद्य अर्पित कर सहभोजन करते है.
गाडगे बाबा की पूर्णाकृति प्रतिमा करें स्थापित
तत्कालीन राज्यपाल ने स्वनिधि से शेंडगांव और ऋणमोचन के लिए गाडगे बाबा की प्रतिमा भिजवायी थी. इनमें से शेंडगांव में प्रतिमा स्थापित की गई. लेकिन ऋणमोचन की प्रतिमा कहां गई? यह सवाल श्रद्धालु कर रहे है. ऋणमोचन गाडगे बाबा की सही मायने में कर्मभूमि है इसलिए यात्रा परिसर में उनकी पूर्णाकृति प्रतिमा दर्शनीय स्थान पर लगाने की मांग गाडगे बाबा के अनुयायी कर रहे है.