अमरावती

भागवत कथा का उद्देश्य हमारा आत्मिक कल्याण

डॉ. संतोष महाराज का प्रतिपादन

* महेश भवन में श्राद्धपक्ष में शुरु हुई कथा
अमरावती/दि.03– बडनेरा रोड स्थित महेश भवन में सोमवार 2 अक्टूबर को शाम 4 से प्रथम दिवसीय ज्ञान यज्ञ संगीत मय श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा प्रारंभ हुई, उस से पूर्व विधि पूजा व आरती भी संपन्न हुई, अपनी मधुर वाणी में कथा व्यास परम पूज्य संत श्री डॉ संतोष देव जी महाराज ने कहा, कि जैसे हर क्षेत्र में जो अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ते रहते हैं, वह एक न एक दिन सफल जरूर होते हैं और असफलता का कारण: अपने क्षेत्र से संबंधित नियमों को भूलकर,फिजूल के कामों में ही लग जाना है।इसके कारण अक्सर लोग निराश, हताश, नास्तिक होते जाते हैं, जबकि अपनी त्रुटि पर उनकी नजर नहीं रहती, की उन्होंने अपने लक्ष्य को भुलाया है, वैसे ही इस भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का उद्देश्य हमारे पितरों की मोक्ष गति के साथ-साथ में हमारी भी दुखों से मुक्ति हो और आत्म कल्याण हो। पहले दिन की कथा में महाराज श्री ने श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा की महिमा के संबंध में बताया, कि कथा श्रवण करने के तो अनेक लाभ हैं, उसमें से मुख्य लाभ मृत्यु सुधरता है, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, संकट से छुटकारा मिलता है, दुर्गति, अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए जीवों का मोक्ष का द्वार खुलता है और सबसे बड़ा लाभ प्रभु प्राप्ति होती है.

महाराज श्री ने इस संदर्भ में आत्म देव की कथा सुनाई, विशेषतौर पर कथा में कथा के यजमान जीजोदिया परिवार, सुरेंद्र जी खत्री, कैलाश पूंशी, अनूप नवलानी, विजय हरवानी, बलदेव बजाज, अनिल तालरेजा, दिलीप भाई पोपट, चेतन गावंडे, अंकित जोशी, डॉ.जयंत केवट, रमेश अग्रवाल, राजन आडतया, राम अहूजा, राजेंद्र बेलंकर, सरला भट्ट, कमलेश भारानी, रूपा अग्रवाल, मीना गांधी,प्रेम आहूजा, अमरलाल बख्तर, महेश कुकरेजा, शांति भारानी, संगीता गुल्हाने, बरखा सबनानी, शिवकुमार मोहनानी, राजू रतनानी ,राजू आछड़ा, नारायण ठकुरानी, सुरेश मोहनी, हरीश मेघवानी, रोहित कापड़ी, संदीप महंगे, आदि कई भाई बहनों ने इस कथा के श्रवण का लाभ प्राप्त किया और अंत में झांकी के माध्यम से भी सभी को प्रसन्नता प्राप्त हुई और प्रथम दिवस पर प्रसाद के साथ-साथ सभी में तुलसी वितरीत हुई संस्था शिवधारा मिशन फाउंडेशन की ओर से.

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