* महायुति पदाधिकारियों को दिये जरुरी निर्देश
अमरावती/दि.28– विधानसभा चुनाव में हेतु अमरावती जिले में महायुति द्वारा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा किये जाने के बाद कुछ स्थानों पर चुनाव लडने के इच्छुकों द्वारा बगावत करनी शुरु की गई है और अपनी टिकट काटे जाने को लेकर नाराजगी जताते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करना भी शुरु कर दिया है. जिसके चलते संबंधित पार्टियों सहित महायुति के कार्यकर्ताओं में अच्छा खासा संभ्रम देखा जा रहा है. ऐसे में बागियों की बगावत को शांत करने के लिए शिंदे गुट वाली शिवसेना के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने पहल की है. जिसके तहत पूर्व सांसद अडसूल के नेतृत्व में महायुति के महत्वपूर्ण नेताओं की समीक्षा बैठक हाल ही में संपन्न हुई.
भाजपा जिलाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे के निवासस्थान पर महायुति के जिलास्तरीय नेताओं की एक बैठक हाल ही में संपन्न हुई. जिसमें गुजरात भाजपा के नेता व अमरावती जिला प्रभारी ऋषिकेश पटेल एवं जयराज परमार सहित भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी जयंत डेहनकर, जिला महासचिव नितिन गुडधे, विवेक गुल्हाने व संगीता शिंदे आदि उपस्थित थे. इस बैठक में जिले के आठों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की समीक्षा की गई. साथ ही शिंदे गुट वाली शिवसेना के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन तथा राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजीत पवार के नेतृत्व में किये गये शानदार विकास कार्यों की बदौलत जिले में महायुति के लिए स्थिति बेहद अनुकूल है. अत: सर्वसामान्य जनता तक सरकार की योजनाओं व नीतियों को लेकर जानकारी पहुंचाते हुए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में महायुति के प्रत्याशियों का जमकर प्रचार किया जाये.
आठों निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति का माइक्रो प्लानिंग इस बैठक में पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने कहा कि, महायुति में फिलहाल अमरावती जिले की बडनेरा व तिवसा सीट को कोई ठोस निर्णय होना बाकी है. वहीं शेष 6 निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति के प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है. जिसके चलते महायुति में शामिल सभी दलों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में महायुति प्रत्याशियों के प्रचार हेतु पूरी ताकत के साथ काम पर लग जाना चाहिए. ज्ञात रहे कि, पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल विगत 50 वर्षों से राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय है और उन्हें विविध चुनावों का जबर्दस्त अनुभव भी है. इसका फायदा जिले में महायुति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को निश्चित तौर पर होगा. इसके अलावा डॉ. अनिल बोंडे ने भी ग्रामीण स्तर तक कार्यकर्ताओं को इस चुनाव हेतु तैयार कर रखा है. हालांकि कुछ स्थानों पर राजीनाराजी वाला माहौल है. लेकिन इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही पार्टी द्वारा जो आदेश दिया गया है, उसका पालन करते हुए पार्टी की ओर से तय प्रत्याशी का काम कोई भी किंतु-परंतु रखे बिना करने का निर्देश भी महायुति के नेताओं द्वारा जारी किया गया है.