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कोल्हे हत्याकांड के सातों आरोपियों की रिमांड अवधि बढी

22 तक रहेंगे एनआईए की कस्टडी में

* आठवें आरोपी की एनआईए कर रही सरगर्मी से तलाश
अमरावती/दि.16– विगत 21 जून को अमरावती में घटित उमेश कोल्हे हत्याकांड मामले में धरे गये सातों आरोपी इस समय राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की हिरासत में है. जिनकी रिमांड अवधि को अदालत द्वारा 22 जुलाई तक बढा दिया गया है. बता दें कि, इससे पहले अमरावती शहर पुलिस से सातों आरोपियों को अपने कब्जे में लेने के बाद एनआईए ने उन्हें मुंबई सेशन कोर्ट के सामने पेश किया था. जहां पर अदालत ने सातों आरोपियों को 15 जुलाई तक एनआईए की कस्टडी में रखने का आदेश दिया था. ऐसे में गत रोज कस्टडी की अवधि के अंतिम दिन सातों आरोपियों को एनआईए द्वारा एक बार फिर मुंबई सेशन कोर्ट के सामने पेश किया गया और आरोपियों की रिमांड अवधि को बढाकर देने की मांग की गई. जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने सातों आरोपियों को आगामी 22 जुलाई तक एनआईए की रिमांड में रखने का आदेश दिया है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए की ओर से अपने वकील के जरिये अदालत को बताया गया कि,आरोपियों ने हत्याकांड की वारदात में प्रयुक्त चाकू कहां से खरीदा, अभी यह पता लगाया जाना बाकी है. साथ ही हत्याकांड में प्रयुक्त दो वाहनों की जप्ती भी होना बाकी है. इसके अलावा तीन आरोपियों के मोबाईल सीडीआर की जांच की जानी है और आरोपियों को राजस्थान भी लेकर जाना है, ताकि उनके कुछ कनेक्शन्स को खंगाला जा सके. इसके अलावा इस हत्याकांड में शामिल रहनेवाला शेख शाहीन शेख फिरोज नामक आठवां आरोपी इस समय कहां है और उसकी इस हत्याकांड में क्या भूमिका थी, यह अभी पता लगाया जाना बाकी है. ऐसे में इन सभी बातों की जांच-पडताल व पूछताछ के लिए आरोपियों को फिलहाल एनआईए की कस्टडी में ही रखा जाये. एनआईए की ओर से दी गई इस दलील को मुंबई सेशन कोर्ट की विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया और कोल्हे हत्याकांड के सातों आरोपियों को 22 जुलाई तक एनआईए की कस्टडी में रखने का आदेश जारी किया.
मुंबई की अदालत में हुई इस सुनवाई के दौरान आरोपी क्रमांक 1 मुदस्सीर अहमद की ओर से एड. शरीफ शेख तथा आरोपी क्रमांक 2 से 7 यानी शाहरूख पठान, अब्दूल तौफिक उर्फ नानू, शोएब खान उर्फ भुर्‍या, आतीफ रशीद, डॉ. युसुफ खान तथा शेख इरफान शेख रहीम की ओर से एड. राजा अली (अमरावती) द्वारा युक्तिवाद करते हुए आरोपियों की रिमांड अवधि को बढाये जाने का विरोध किया गया.

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