गलत ट्रेन में बैठे यात्री के वारिश भी मुआवजे को पात्र
हाईकोर्ट का निर्णय : संबंधित व्यक्ति को अधिकृत यात्री ठहराया
अमरावती/दि.30 – विशिष्ट यात्रा का टिकट खरीदी कर गलत रेलवे में चढे और दुर्घटना में मृत हुए यात्री के वारिश भी मुआवजे के पात्र है, इस तरह का महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की न्यायमूर्ति अनुजा प्रभ्ाू देसाई ने दिया. संबंधित व्यक्ति को अनधिकृत यात्री नहीं कहते आयेगा, ऐसा भी इस निर्णय में स्पष्ट किया गया है.
देव्हाडी, तहसील तुमसर, जिला भंडारा निवासी विक्की चौबे ने 12 दिसंबर 2012 को नागपुर से तुमसर का रेलवे टिकट खरीदी किया था. उसके बाद वे हावडा-ज्ञानेश्वर एक्सप्रेस में बैठे. चौबे के पास का टिकट इस रेलवे के लिए अधिकृत नहीं था. इसी बीच मुंदी कोटा रेलवे स्टेशन पर चलती ट्रेन से नीचे गिरने से उनकी मौत हुई, जिससे उनकी मां मुन्नीबाई ने मुआवजे के लिए रेलवे दावा न्यायधिकरण में दावा दाखल किया था. 17 जनवरी 2017 को न्यायधिकरण ने वह दावा खारिज किया. चौबे गलत रेलवे में बैठे थे, जिससे उन्हें अधिकृत यात्री नहीं कहते आयेगा, इस तरह का कारण बताकर उनका दावा नकारा गया था. इस निर्णय के खिलाफ मुन्नीबाई ने हाईकोर्ट में प्रथम अपील दाखल की. उसमें हाईकोर्ट ने यह संशोधित निर्णय दिया. हाईकोर्ट ने मुन्नीबाई को 8 लाख रुपए मुआवजा मंजूर किया है, साथ ही यह रकम उन्हें तीन महिने में अदा करने का आदेश रेलवे प्रशासन को दिया है.