वन विभाग की रेस्क्यू टीम को सेना की तरह मिलेगा प्रशिक्षण
राज्य में 32 शिघ्र बचाव दल की स्थापना
* मनुष्य और वन्यजीव संघर्ष रोकने में सहायता मिलेगी
अमरावती/ दि.11– राज्य में मनुष्य और वन्यजीव का संघर्ष बढ रहा है. यह समस्या गंभीर रुप धारण कर रही है, इस दृष्टि से वन विभाग ने शिघ्र बचाव दल की स्थापना (रेस्क्यू पथक) की गई है. मगर इस रेस्क्यू पथक को सैनिक के जैसे प्रशिक्षण देने की तैयारी वन विभाग ने कर ली है.
अमरावती में बीते सप्ताह तीसरी राज्यस्तरीय अधिकारी व कर्मचारी का अतिशिघ्र कृति दल मजबूतीकरण और मनुष्य-वन्यजीव संघर्ष इस विषय पर परिषद ली गई. इसमें वन विभाग में स्थापित किये गए विभिन्न 32 शिघ्र बचाव दल के सदस्यों को सैनिकों की तरह अचूक प्रशिक्षण देने पर मुहर लगाई गई. इसके लिए राज्य शासन ने रेस्क्यू पथक के लिए निधि भी उपलब्ध कराई गई है. पिछले कुछ वर्षों में विदर्भ के चंद्रपुर, यवतमाल, वर्धा, अमरावती जिले में मानवीय बस्ती में बाघों का आवागमन होने के कारण वन विभाग को कई खतरों का सामना करना पड रहा है. यवतमाल जिले में अवनी इस मेन इटर बाघिन को मारना पडा.इसके कारण मनुष्य व वन्यजीव संघर्ष को टालने के लिए वन विभाग का रेस्क्यू पथक अत्याधुनिक किया जाएगा. सैनिक की तर्ज पर इस पथक को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ऐसी जानकारी मिली है. शिघ्र कृति दल विभागीय स्तर पर न रहते हुए वह तहसील और गांव स्तर पर भी रहेगा, इसके कारण समस्याओं से निपटने में तेजी से राहत मिलेगी.
रेस्क्यू दल का ऐसा होगा काम
– वन्य प्राणी मनुष्य बस्ती में आने पर वन्य प्राणी का सुरक्षित रेस्क्यू करेंगे.
– मनुष्य और वन्यप्राणी का संघर्ष टालेंगे.
– रेस्क्यू पथक तत्काल कुशलता के साथ और तज्ञों की तरह कार्रवाई करेंगे.
– पथक को जरुरी सामग्री के साथ वाहनों की सुविधा आपूर्ति की जाएगी.
– सामान्य लोगों की अपेक्षापूर्ति व वन्य प्राणियों से मनुष्य को किसी तरह का नुकसान न हो इसका ध्यान रखा जाएगा.
– अत्याधुनिक तकनिकी ज्ञान का उपयोग करेंगे
अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा
वन विभाग की रेस्क्यू टीम की ड्युटी और नागरिकों में इस पथक के बारे में जानकारी निर्माण हो, इसके लिए अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस पथक को कॉमन युनिफार्म दी जाएगी. तत्काल लोगों की सहायता के लिए दौडकर जाना शिघ्र बचाव दल से अपेक्षित है.
– सुनील लिमये,
प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव महाराष्ट्र