अमरावती

विद्यार्थियों के दस्तावेज जमा करने की जिम्मेदारी महाविद्यालयों की

‘विथहेल्ड’ नतीजों पर विद्यापीठ ने साफ की भुमिका

अमरावती/दि.16 – जिन विद्यार्थियों के अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणाम रोके गये है, उनकी तकनीकी दिक्कतों व त्रृटियोें को दूर करने हेतु तमाम आवश्यक दस्तावेजों को जमा कराने की जिम्मेदारी उनके महाविद्यालयों की होती है. महाविद्यालयों ने अपने स्तर पर विद्यार्थियों से इन दस्तावेजोें को जमा करते हुए उन्हें विद्यापीठ में प्रस्तुत करना चाहिए. ऐसा आवाहन संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ द्वारा किया गया है. साथ ही विद्यापीठ के परीक्षा व मूल्यांकन मंडल ने स्पष्ट किया है कि, विद्यापीठ में दस्तावेज जमा कराये जाने के बाद अगले तीन दिनों में तमाम त्रृटियों को दूर करते हुए विद्यार्थियों की अंक पत्रिका उनके महाविद्यालयों को हस्तांतरित कर दी जायेगी.
बता दें कि, विगत दिनों संगाबा अमरावती विद्यापीठ द्वारा ली गयी ग्रीष्मकालीन-2020 की परीक्षाओं का परिणाम घोषित हुआ. लेकिन कई विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम विभिन्न कारणों की वजह से रोककर रखे गये है. जिसके संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने हेतु इन दिनों विद्यापीठ में विद्यार्थियों की जबर्दस्त भीडभाड देखी जा रही है और हजारों विद्यार्थी अपने अभिभावकों सहित अपनी पुरानी अंकपत्रिकाएं जमा कराने के लिए विद्यापीठ में पहुंच रहे है. ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए विद्यापीठ के परीक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना संक्रमित होने से बचाने हेतु परीक्षा व मूल्यांकन मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख ने विवि प्रशासन से निवेदन किया है कि, विद्यापीठ से संबंधित सभी महाविद्यालयों को अपने विद्यार्थियों के दस्तावेज संकलित कर एकत्रित तौर पर विद्यापीठ को भेजने हेतु कहा जाये और परीक्षा परिणाम के संदर्भ में विद्यार्थियों द्वारा विद्यापीठ परिसर में भीडभाड न की जाये.
ज्ञात रहें कि, सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार विद्यापीठ ने 26 अक्तूबर से 2 नवंबर के दौरान पदवी व पदव्युत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष व अंतिम सत्र की ऑनलाईन व ऑफलाईन तरीके से परीक्षा ली थी. पश्चात 3 नवंबर से इन परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने शुरू किये गये, लेकिन अधिकांश पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों की अंतिम सत्र को छोडकर अन्य सत्रों की परीक्षाओं की अंकपत्रिकाएं उनके महाविद्यालयों से विद्यापीठ को अब तक प्राप्त नहीं हुई है. ऐसे में संबंधित विद्यार्थियों के अंतिम वर्ष व अंतिम सत्र की परीक्षा का परिणाम रोक लिया गया है. इसी दौरान विद्यापीठ सहित कई महाविद्यालयों द्वारा पदव्युत्तर पाठ्यक्रमोें में प्रवेश हेतुू 4 दिसंबर की अंतिम तीथि घोषित कर दी गई. जिसकी वजह से परीक्षा परिणाम ‘विथहेल्ड’ रहनेवाले विद्यार्थियों में और भी संभ्रम फैल गया. हालांकि इसके बाद विद्यापीठ के परीक्षा मंडल द्वारा पदव्युत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु समयवृध्दि देते हुए 30 दिसंबर को अंतिम तारीख तय की गई है. लेकिन अब तक महाविद्यालयों से पिछले सत्र की अंक पत्रिका अप्राप्त रहने के चलते विद्यापीठ द्वारा संबंधित विद्यार्थियों की फाईनल अंकपत्रिका को रोककर रखा गया है. ऐसे में इन विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित होने में काफी विलंब भी हो रहा है. इसके अलावा कई विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम उनके परीक्षा संबंधित दस्तावेजों में रहनेवाली त्रृटी की वजह से ही रोके गये है. इन ‘विथहेल्ड’ परीक्षा परिणामों को लेकर विद्यापीठ और महाविद्यालय में काफी हद तक आपसी समन्वय का अभाव दिखाई दे रहा है. वहीं अब विद्यापीठ ने इस समस्या का हल निकालने हेतु सभी महाविद्यालयों को अपने विद्यार्थियों के पिछले सत्र की अंकपत्रिका एवं अन्य दस्तावेज अपने स्तर पर संकलित करते हुए विद्यापीठ के पास भेजने हेतु कहा है, ताकि उनके विद्यार्थियों के परीक्षा परिणामोें को दस्तावेज मिलते ही घोषित किया जा सके और ये विद्यार्थी आगामी 30 दिसंबर से पहले अपनी पसंद के अनुरूप पदव्युत्तर पाठ्यक्रमोें में प्रवेश ले सके.

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